देशभर में आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. इसके साथ ही आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी 116वीं जयंती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर राजघाट जाकर महात्मा गांधी और विजयघाट में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी. लाल बहादुर शास्त्री की समाधि स्थल विजयघाट पर इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी नज़र आए. दोनों एक साथ चल रहे थे. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी उनके साथ थे.
दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. केजरीवाल 2014 के लोकसभा चुनाव से ही पीएम नरेंद्र मोदी के आलोचक रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उनके रुख में नरमी देखी जा रही है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अरविंद केजरीवाल की इन तस्वीरों और वीडियो को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ लड़े थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन दावेदार नरेंद्र मोदी को वाराणसी सीट पर कड़ी चुनौती दी थी. 2014 के इस लोकसभा चुनाव में वह मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे थे. नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों के अंतर से हरा दिया था. मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले.
2014 में मिली करारी हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ नहीं लड़ने का फैसला लिया था. वहीं, बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को हरा दिया था.
लाल बहादुर शास्त्री की समाधि स्थल पर पीएम मोदी
क्यों बदला केजरीवाल का नजरिया?
राजनीतिक विश्लेषक इसको अलग-अलग नजरिए से देखते हैं. दिल्ली को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल का पीएम मोदी या केंद्र सरकार के प्रति दिली लगाव नहीं जागा है. अब अरविंद केजरीवाल जान गए हैं कि सीधे टकराव का कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. केजरीवाल दिल्ली की जनता को दिखाना चाह रहे हैं कि वह जनता की भलाई के लिए सहयोग दे रहे हैं. विधानसभा चुनाव के वक्त केजरीवाल जनता को बताएंगे कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने हमें सहयोग दिया.’
बीजेपी से चुनावी लड़ाई है कारण
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 2014 से भी बड़ी सफलता दी है. दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 2014 से भी कम वोट मिले हैं. ऐसे में एक बार फिर आम आदमी पार्टी अपने 2014 के फॉर्मूले पर लौट आई है. पार्टी का दावा है कि केंद्र के लिए भले ही नरेंद्र मोदी जनता की पसंद हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर आज भी अरविंद केजरीवाल पहली पसंद बने हुए हैं. इसी कारण आम आदमी पार्टी ने अब अपने प्रचार को अरविंद केजरीवाल विरुद्ध कौन की तरफ मोड़ना शुरू कर दिया है.
पीएम मोदी के साथ अरविंद केजरीवाल
बीजेपी ने अभी तय नहीं किया दिल्ली का सीएम चेहरा
पार्टी को लगता है कि दिल्ली में कांग्रेस का कोई राजनीतिक वजूद नहीं है और उसका मुकाबला बीजेपी के साथ ही होगा. इसी कारण पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम खोलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. पार्टी के नेता और संसद सदस्य संजय सिंह ने पिछले दिनों केंद्रीय नेता और दिल्ली बीजेपी के पुराने धुरंधर विजय गोयल के घर का घेराव किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के कई गुट हैं. बीजेपी को साफ करना चाहिए कि उनका मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन है, विजय गोयल, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी या फिर विधानसभा में पार्टी के नेता विजेंद्र गुप्ता.