नवजात का जन्म प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन दिनचर्या में कामकाज की कमी और योगाभ्यास न होने के कारण सिजेरियन डिलीवरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सिजेरियन डिलीवरी को रोकने का एक ही तरीका है, वह है गर्भधारण के साथ ही नियमित प्राणायाम और अनुलोम विलोम। इससे गर्भवती का प्रसव बिना ऑपरेशन के आसानी से हो जाता है। 90 फीसद नार्मल डिलीवरी की संभावना रहती है।
मेडिकल कॉलेज के अटल बिहारी ऑडिटोरियम में आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस के समापन में विशेषज्ञों ने यह बातें कही। कांफ्रेंस में छह देशों की नर्सों ने भाग लिया था। साथ ही अलग-अलग प्रसव की थैरेपी पर भी चर्चा की गई।
वहीं नर्सिंग छात्राओं को प्रसव के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में समझाया गया। मौके पर शासकीय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य वंदना चंसोरिया, मिताली अधिकारी, प्रेसीडेंट सोमी, प्राध्यापिका सपना ठाकुर, वीणा वर्मा, सुशीला सिंह मौजूद रहीं।
मॉडल के जरिए समझाया प्रसव का तरीका
विशेषज्ञों ने नर्सिंग छात्राओं को मॉडल के जरिए प्रसव का तरीका समझाया। लेबर पैन के समय आने वाली चुनौतियों को बताया गया। नवजात के जन्म की पूरी प्रक्रिया समझाई गई। जच्चा-बच्चा की सुरक्षा और उनके खान -पान के विषय में भी बताया गया।
डांस के माध्यम से बताया प्रसव का तरीका
सीजिरियन होने की वास्वविक वजह को बताते हुए विशेषज्ञ पलोनरी रिभा दानली ने बताया आज के समय में गर्भवती महिलाएं गर्भ धारण के बाद काम करने में असहज महसूस करती है। इन्हीं कारणों से बच्चा गर्भ में स्थिर हो जाता है। नियमित एक्सरसाइज, डांस करें तो आसानी से नॉर्मल डिलीवरी होगी। इससे चीर-फाड़ से बचा जा सकता है।
गर्भधारण के बाद महिला को इन बातों का रखना होगा ख्याल
– भोजन संतुलित हो और नियमित
– आयरन और फोलिक एसिड का नियमित सेवन
– गर्भधारण के तीन माह तक एक्सरसाइज न करें
नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें
– गर्भधारण के बाद घर के छोटे-मोटे काम करें
– एक्सरसाइज नियमित करें
– एक स्थिति में बहुत देर तक नहीं बैठना है
– सीधे सोने की अपेक्षा करवट लेकर सोना चाहिए