खतरनाक बीमारी एचआईवी एड्स का कहर मुरादाबाद में तेजी से बढ़ा है। एक महीने में सत्तर नए मरीजों में एड्स की पुष्टि हुई है। इनमें से तीस मरीज बिलारी इलाके के हैं। इससे जिले के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। बिलारी इलाके में विशेष शिविर आयोजित करके लोगों की एचआईवी जांच कराने की कवायद शुरू की गई है।
मुरादाबाद के जिला अस्पताल स्थित लैबोरेट्री में एक महीने के दौरान ढाई सौ से ज्यादा लोगों ने एचआईवी की जांच कराई जिनमें से सत्तर लोगों की रिपोर्ट में एचआईवी पॉजिटिव आया है। इन सभी का इलाज जिला अस्पताल स्थित एआरटी (एंटीरेटरोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर पर शुरू किया गया है। पिछले काफी समय से एआरटी पर प्रति माह 50 से 55 मरीजों में एड्स के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उनका इलाज शुरू हो रहा था।
अब एक महीने में 70 एड्स के मरीज आने से खलबली मच गई है। बिलारी इलाके में एड्स के मरीज सबसे ज्यादा मिलने से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। बिलारी के स्योंडारा गांव के बीस मरीजों को एड्स की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में विशेष शिविर लगाने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
झोलाछापों पर एड्स फैलाने का संदेह : एड्स पॉजिटिव मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ने का कारण बिलारी इलाके में झोलाछापों का ज्यादा होना माना जा रहा है। बिलारी में ज्यादा केस आने से ही एड्स के मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है। झोलाछापों पर अंकुश लगाकर ही एड्स के केस घटाए जा सकते हैं। (डॉ.एनके मिश्रा, नोडल अधिकारी, एंटी रेटरोवायरल ट्रीटमेंट सेंटर)
एआरटी सेंटर पर मरीज तीन हजार के पार : जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर पर एड्स का इलाज शुरू कराने वाले मरीजों की संख्या तीन हजार से ज्यादा हो गई है। पिछले छह महीने के दौरान यहां एड्स के पांच सौ से ज्यादा नए मरीज पहुंचे हैं। तीन हजार से ज्यादा मरीज दर्ज होने से सेंटर पर संसाधन कम पड़ने की समस्या भी सामने आने लगी है। एआरटी सेंटर पर एचआईवी एड्स पीड़ित बच्चों की संख्या सौ पहुंच गई है। इन बच्चों का इलाज एआरटी सेंटर पर शुरू किया गया है।
जांच की सुविधा से बढ़ा मरीजों का आंकड़ा : एआरटी सेंटर के काउंसलर रत्नेश शर्मा के मुताबिक पिछले पांच साल की तुलना में एचआईवी एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ी है। कुछ हफ्तों में मरीजों का आंकड़ा और तेजी से ऊपर चढ़ा है। सरकार ने एड्स की जांच की सुविधा का दायरा काफी बढ़ा दिया है। पीएचसी और सीएचसी पर भी एड्स की जांच शुरू हुई है। आशंकित मरीजों की जिला अस्पताल स्थित लैबोरेट्री में दोबारा जांच कराकर ही एड्स की पुष्टि की जा रही है।