रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज बंगलूरू में स्वदेशी तकनीक पर विकसित लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरा है। बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की किसी लड़ाकू विमान में यह पहली उड़ान है। इसके साथ ही वह पहले ऐसे रक्षा मंत्री भी बन गए हैं जिन्होंने तेजस में उड़ान भरी है। राजनाथ सिंह 28 सितंबर को मुंबई में नौसेना के लिए तीन परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। वे स्कॉर्पियन क्लास की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में कमीशन करेंगे। इसके अलावा पी-17ए सीरीज का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि को लॉन्च किया जाएगा। इसी दिन रक्षा मंत्री विमानवाहक पोत के ड्राइडॉक की आधारशिला भी रखेंगे।
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की ये हैं विशेषताएं
तेजस एयरक्राफ्ट की सर्वाधिक स्पीड 1.6 मैक है। 2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है। इसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, मल्टी मोड रडार, कम्पोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर हैं। इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पॉड और दो ड्रॉप टैंक्स हैं।
एक तेजस को बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ज्यादातर भारतीय तकनीकी होने के बावजूद इस लड़ाकू विमान का इंजन अमेरिकी है, रडार और वेपन सिस्टम इजरायल का और इजेक्शन सीट ब्रिटेन का है।
तेजस का वजन 12 टन है और इसकी लंबाई 13.2 मीटर है। इसके पंख का फैलाव 8.2 मीटर है जबकि, ऊंचाई 4.4 मीटर है और रफ्तार 1350 किमी प्रति घंटा है। दुश्मनों के विमानों से निपटने के लिए इस्तेमाल होने वाले इसका मिशन कम्प्यूटर भारतीय तकनीकी पर आधारित है।
इस लड़ाकू विमान में आर-73 एयर टू एयर मिसाइल, लेजर गाइडेड मिसाइल और बियांड विजुवल रेंज अस्त्र मिसाइल लगाई जा सकती है। इस जेट को बनाने में भारत निर्मित कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से यह हल्का और धातु के मुकाबले बेहद मजबूत है।
तेजस में फ्लाई बाई वायर सिस्टम है। इसके जरिए विमान को उड़ाने में सहायक कम्प्यूटर नियंत्रित इनपुट्स मिलते हैं। यह पूरी तरह भारतीय तकनीक है। प्लेन में लगा मुख्य सेंसर ‘तरंग रडार’ पायलट को दुश्मन जेट्स या जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के बारे में बताता है। यह सेंसर भी भारत में बना है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नाम दिया था ‘तेजस’
तेजस लड़ाकू विमान का नामांकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। जिसका अर्थ होता है सबसे तेज