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छत्तीसगढ़ : सूखने लगे हैं खेत, तांदुला से पानी छोड़ने की उठी मांग

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पाटन विकासखण्ड के किसानों ने तांदुला सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग की है। किसानों ने बताया कि करीब एक पखवाड़े पहले अच्छी बरसात हुई थी। उसके बाद लगातार तेज धूप पड़ रही है। ऐसे में खेत सूखने लगे हैं। अब फसल को बचाने के लिए पानी की जरूरत है। क्योंकि अब बारिश की कोई संभावना नहीं है।

जनपद पंचायत पाटन की अध्यक्ष हर्षा लोकमनी चंद्राकर ने किसानों की समस्या को देखते हुए तांदुला से पानी देने की मांग को लेकर कमिश्नर दुर्ग, कलेक्टर, सिंचाई विभाग के ईई को पत्र लिखा है। चंद्राकर ने बताया कि किसानों ने उनके पास आकर नहरों से पानी छोड़े जाने की मांग की है। अबत खेतों में लगी फसल सूखने की स्थिति में है। इधर पाटन क्षेत्र के किसानों ने नहर से पानी देने की मांग मुख्यमंत्री से की है। किसानों ने सीएम के नाम ओएसडी आशीष वर्मा को ज्ञापन देकर जल्द व्यवस्था बनाने की मांग की है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पाटन के अध्यक्ष मेहत्तर वर्मा ने किसानों की मांग का समर्थन किया है। मांग करने वालों में भूपेंद्र कश्यप, देवेंद्र चंद्रवंशी, लीलाधर वर्मा, आनंद बघेल, केदार कश्यप, पुरुषोत्तम कश्यप, संजय वर्मा, दुजराम वर्मा, ईश्वरी वर्मा, यशवंत वर्मा, बेनी राम वर्मा, अनुज वर्मा, मंथीर साहू, सीताराम वर्मा, डॉ. पीके वर्मा, दुर्गेश पाटिल, कोशल सपहा, शीतल चंद्राकर, बलदाऊ यादव, तोरण साहू, प्रभात वर्मा, मोरध्वज साहू, श्यामलाल साहू, गोपाल वर्मा, संतोष वर्मा आदि शामिल हैं।

मोटर लगाकर खेतों तक किसी तरह पहुंचा रहे पानी

खेतों में पानी की जरूरत देखकर किसान मोटर पंप के माध्यम से आसपास के सरोवरों से पानी लेने मजबूर हैं। बता दें कि खेत सूखने की वजह से फसल तो चौपट हो ही रही है। वहीं कई तरह की बीमारियां भी घेर ले रही हैं। किसानों द्वारा अपने सुविधा के अनुसार आसपास के खेतों में तालाब व बांध से पानी लिया जा रहा है ताकि फसल को बचाया जा सके।