पक्षी विहार से वन्यजीवों को जंगल सफारी में शिफ्ट करना है। नेशनल जू अथॉरिटी ने जल्द से जल्द शिफ्ट करने का आदेश दिया था, लेकिन जिस हिसाब से कार्य चल रहा है उस हिसाब से एक वर्ष और लग सकता है। हलांकि वर्ष 2020 के अंत में नंदनवन का लाइसेंस खत्म होगा। इस हिसाब से शिफ्टिंग के लिए एक साल की मोहलत है। इस बीच शिफ्ट नहीं होने पर सफारी प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
दूसरी तरफ फंड के अभाव में जंगल सफारी में बाड़ों के निर्माण पर ग्रहण लग गया है। टेंडर प्रक्रिया में बदलाव होने की वजह से काम नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बाड़े का निर्माण कर जल्द ही वन्यजीवों को जंगल सफारी में शिफ्ट किया जाएगा। ज्ञात हो कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित जंगल सफारी में 37 बाड़ों का निर्माण किया जाना है। वर्तमान में विश्व स्तरीय 11 बाड़ों का निर्माण हो गया है। अभी 26 बाड़ों का निर्माण और करना है। विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में बदलाव के चलते जंगल सफारी में होने वाले विकास कार्य अधर में लटक गए। वर्तमान में एक बाड़ों के निर्माण में करीब 30 से 35 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। विभाग को किसी भी कीमत पर एक साल के भीतर बाड़ों का निर्माण करना है, जो अब असंभव दिखाई दे रहा है।
लाइसेंस नवीनीकरण में हो सकती परेशानी
सेंट्रल जू अथॉरिटी अपने मापदंडों और शर्तों के मुताबिक जू संचालन के लिए लाइसेंस देती है। अधिकारी ने बताया कि जू अथॉरिटी ने नंदनवन को वर्ष 2020 तक के लिए लाइसेंस जारी किया है इसलिए इस बीच शिफ्ट नहीं कर पाने पर वन विभाग को सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इसका ठोस कारण बताना होगा। इस दौरान जू अथॉरिटी लाइसेंस के नवीनीकरण पर पुनर्विचार कर सकती है। यदि लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया तो विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
2020 तक नंदनवन में देख सकेंगे वन्यजीव
पक्षी विहार आने वाले पर्यटक 2020 तक वन्यजीवों को देख सकेंगे। इसके बाद इन्हें देखने के लिए जगल सफारी जाना होगी। नंदनवन में वर्तमान में चीतल, भालू, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, तेंदुआ मगरमच्छ, शेर, नीलगाय आदि हैं।
नंदनवन से वन्यजीवों को शिफ्ट करने की योजना चल रही है। बाड़े बनने के बाद उनको शिफ्ट किया जाएगा। नेशनल जू अथॉरिटी ने 2020 तक का लाइसेंस दिया है। -एम मर्शीवेला, डीएफओ, जंगल सफारी