इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) प्रोजेक्ट सुगम यातायात देने में फिलहाल बहुत ज्यादा कामयाब साबित नहीं हो पा रहा है। प्रोजेक्ट के हिसाब से 20 से अधिक ऐसे चौक-चौराहे हैं जहां अभी भी सिग्नल, कैमरे लगने का काम बचा है, क्योंकि इन चौक पर निजी एडवरटाइजिंग के होर्डिंग्स लगे हुए थे। कुछ जगहों पर लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाइवे का काम जारी था। शास्त्री चौक पर स्काय वॉक की वजह से इस प्रोजेक्ट के तहत काम ही नहीं हो पाया। दूसरी ओर कहा तो ये भी गया था कि चालकों को सिग्नल पर ऐसा सिस्टम मिलेगा कि अगर चौक की किसी सड़क पर वाहन नहीं है तो बाजू वाला सिग्नल खुद ब खुद ग्रीन हो जाएगा। इससे लोगों का समय बचेगा। यह व्यवस्था भी शुरू नहीं हो सकी है।
पड़ताल में सामने आया कि अभी चौक-चौराहों पर एयरलेट कंपनी की फाइबर केबल ही नहीं बिछी है। जब तक इंटरनेट कनेक्शन नहीं होगा, सुविधा नहीं मिलेगी। इसलिए कहा जा रहा है प्रोजेक्ट पीछे चल रहा है।
इन सड़कों पर मिलता है रोजाना जाम-
बता दें कि अभी शहर के हर चौक पर भारी जाम लग रहा है। तेलीबांधा से लेकर पं. रविशंकर विश्वविद्यालय, पुरानी बस्ती थाने से लाखेनगर-सुंदर नगर तक, शास्त्री चौक से रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक से महिला थाना चौक होते हुए नरैया तालाब सिद्धार्थ चौक तक जाम ही जाम मिलता है।
पहली सिंक्रोनाइज्ड सड़क होगी अग्रसेन चौक से टाटीबंध तक- शहर की पहले सिक्रोनाइज्ड सड़क अग्रसेन चौक से टाटीबंध तक की होगी। यहां ऐसी व्यवस्था होगी कि सिग्नल ग्रीन ही मिलेगा। कुछ ही मिनट में व्यक्ति यह दूरी तय कर लेगा।
इमरजेंसी कॉल बॉक्स पुलिस के जिम्मे-
शहर के 20 सिग्नल पर पेनिक बटन लगाए गए। बाद में यह विचार आया कि कोई भी इन्हें दबा देगा, इसका दुरुपयोग होगा। इसलिए इसकी जगह पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए गए। इन सबकी कुल संख्या 83 हो चुकी है। इस पूरे सिस्टम को स्मार्ट सिटी ने पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस का डॉयल 112 स्टाफ इस पर काम कर रहा है। इसे पुलिस ही अपने 112 नंबर से कनेक्ट करेगी। क्योंकि ओवर-ऑल पुलिस ही मदद के लिए पहुंचेगी।
अभी इस प्रोजेक्ट पर काफी काम होना बाकी है। हम एक रूट तय कर रहे हैं, जो अग्रसेन धाम से टाटीबंध तक जाएगा। बिना रुके आप सफर तय करेंगे। अभी केबल फाइबर लाइन बिछाने का काम जारी है। शहर में भी जल्द सिग्लन सिंक्रोनाइज्ड किए जाएंगे।