हिंदी सिनेमा की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म कंगन की हीरोइन रहीं लीला चिटनिस फिल्मों में नारीवाद की पहली अलमबरदार भी मानी जाती हैं। मशहूर अभिनेता अशोक कुमार ने भी माना था कि बिना कुछ कहे सिर्फ आंखों से अपनी बात समझा देने का हुनर उन्होंने लीला से ही सीखा। वे पहली भारतीय अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 1941 में ‘लक्स’ साबुन के लिए विज्ञापन फिल्म में काम किया। उन्होंने उस दौर में फिल्मों में काम करने का फैसला लिया जब महिलाओं के लिए ये किसी पाप से कम नहीं माना जाता था। 9 सितंबर 1912 को महाराष्ट्र के धारवाड़ में जन्मी लीला चिटनिस की पुण्यतिथि पर आइए आपको बताते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से।
लीला चिटनिस की कम उम्र में ही शादी हो गई और वह बहुत जल्द चार बच्चों की मां भी बन गईं। पति गजानन यशवंत चिटनिस और उनके बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर विवाद रहता था जिस वजह से उनकी शादी ने लंबा सफर तय नहीं किया और दोनों अलग हो गए। अलग होने के बाद लीला ने अपने बच्चों की परवरिश करने के लिए स्कूल में बतौर अध्यापिका काम करना शुरू कर दिया। उस दौरान वह कई नाटकों में भी काम करने लगीं।
महाराष्ट्र की पहली ग्रेजुएट सोसायटी लेडी
वक्त बदलने वाला था क्योंकि लीला को अपने मेहनत के दम पर ‘सागर मूवीटोन’ फिल्म में एक्स्ट्रा के रूप में काम करने का मौका मिला। फिर उसी कंपनी की दूसरी फिल्म ‘जेंटलमैन डाकू’ में ऐसा किरदार निभाने को मिला जिसमें वह पुरुषों की पोशाक में दिखीं। इसके बाद उन्हें मास्टर विनायक की फिल्म छाया (1936) में दमदार किरदार निभाने का मौका मिला। उन्हें महाराष्ट्र की पहली ग्रेजुएट सोसायटी लेडी का तमगा भी मिला।
बॉम्बे टॉकीज ने पहचाना लीला का हुनर
इस समय लीला अपने करियर के ऐसे पड़ाव पर थीं कि वो जिस भी चीज को हाथ लगातीं वो सोना हो जाता। ऐसे समय में लीला को बॉम्बे टॉकीज से जुड़ने का मौका मिला। लीला की अदाकारी और कलाकारी से काफी प्रभावित हो कर बॉम्बे टॉकीज ने लीला को उस दौर के सुपरस्टार अशोक कुमार के साथ फिल्म ‘कंगन’ के माध्यम से पर्दे पर उतारा। फिल्म में लीला लीड रोल में थीं। कंगन हिंदी सिनेमा की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म मानी जाती है। दर्शकों में अशोक और लीला की जोड़ी काफी लोकप्रिय हुई। इसके बाद लीला ने कई बेहतरीन फिल्में अशोक कुमार के साथ कीं।
सिनेमा की पहली सुपरहिट मां
फिल्म शहीद में लीला ने पहली बार मां का किरदार निभाया। इस फिल्म में लीला ने सुपर स्टार दिलीप कुमार की मां का रोल निभाया था। बॉलीवुड में मां के किरदार से लीला ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। हालांकि उस दौर में और भी ऐसी अभिनेत्रियां थीं जो मां का किरदार निभाती थीं पर दर्शकों को अपने अभिनय से बांध रखा था लीला ने क्योंकि लीला प्यार और दुलार से भरपूर मां थीं। राजकपूर की फिल्म ‘आवारा’ और दिलीप कुमार की फिल्म ‘शहीद’ में भी लीला ने ही मां का किरदार निभाया।
1987 में आई फिल्म ‘दिल तुझको दिया’ में काम करने के बाद लीला ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया। फिल्मी दुनिया छोड़ने के बाद लाइट और कैमरों से दूर लीला अपने बड़े बेटे के साथ अमेरिका में रहीं। कैमरा और लाइट्स से दूरी बना कर अपने बच्चों के साथ रहने के लिए लीला भले ही अमेरिका चली गईं।