आप सभी लोगों ने लैला-मजनू की प्रेम कहानी जरूर सुनी होगी। लेकिन आप लोग यह नहीं जानते होंगे कि असल में लैला-मजनू कैसे दिखते थे। दावा किया जाता है कि लैला-मजनू भारतीय इतिहास से संबंधित है। लैला-मजनू ने अपनी जिंदगी के आखिरी पल पाकिस्तान बॉर्डर से सिर्फ 2 किलोमीटर दूर राजस्थान की जमीन पर बिताए थे। लैला-मजनू की बनी हुई मजार काफी फेमस है जो श्रीगंगानगर जिले में है।
इस मजार को अनूपगढ़ तहसील के गांव बिंजौर में बनाया गया। यहां पर प्यार करने वाले लोग प्यार की मन्नतें मांगने के लिए आते हैं। लोग बताते हैं कि लैला-मजनू सिंध प्रांत के निवासी थे। उनकी मौत कैसे हुई उसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। बताया जाता है कि जब लैला के भाई को पता चला कि उसका किसी से संबंध है तो भाई ने मजनू की हत्या करवा दी। इस बात की जानकारी जब लैला को हुई तो वह मजनू के शव के पास पहुंची और दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
15 जून के दिन इस मजार पर हर वर्ष 2 दिनों का मेला लगता है। इस मेले में हिंदुस्तान एवं पाकिस्तान के प्रेमी एवं नव विवाहित जोड़े आते हैं एवं अपनी सफल शादीशुदा जिंदगी की कामना करते हैं।
मेले में सिर्फ हिंदू एवं मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख, ईसाई जैसे धर्मों के लोग भी आते हैं। इस मजार को प्रेम के सबसे बड़ी धर्म की मिसाल माना जाता है।
भारतीय सेना ने भी इन दोनों महान प्रेमियों को पूरा सम्मान दिया। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मौजूद एक पोस्ट को बीएसएफ की मजनू पोस्ट का नाम दिया गया है। इस मजार पर जाने के लिए कारगिल युद्ध से पहले पाकिस्तान पर खुला रास्ता था। लेकिन बाद में आतंकवादियों की वजह से उसको बंद कर दिया गया।