चंद्रयान-2 के चांद पर कदम रखने से पहले बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) में वैज्ञानिक अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. चंद्रयान की लैंडिंग से पहले जहां देश भर के लोगों के उत्साह और चांद को पास से देखने की उत्सुकता है, वहीं इसरो में मौजूद लोगों के मन में फिक्र और उत्सुकता दोनों की भावनाएं एक साथ दिख रही हैं.
चंद्रयान की लैंडिंग से पहले इस मिशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को एक अनौपचारिक बातचीत में कहा है यहां सब मौन साधे हैं. मैं भी चुप हूं. अब मिशन पूरा हो जाये, बस. शीर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कामयाबी को लेकर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है.
करीब एक दशक से पहले चंद्रयान-1 मिशन की कमान संभालने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने गुरुवार को कहा कि यह यादगार घटनाक्रम बनने जा रहा है और हम सभी इसे लेकर आशान्वित हैं. मुझे विश्वास है कि यह शत प्रतिशत सफल होगा. इसरो के एक और पूर्व चेयरमैन एएस किरण कुमार ने प्रस्तावित सॉफ्ट-लैंडिंग को बहुत महत्वपूर्ण अभियान बताया. चंद्रयान-1 के परियोजना निदेशक तथा मंगलयान मिशन के कार्यक्रम निदेशक ए अन्नादुरई ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सॉफ्ट-लैंडिंगसफल होगी.
70 छात्रों के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग देखने के लिए 70 छात्रों के साथ यहां मौजूद रहेंगे. कर्नाटक सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह सितंबर को बेंगलुरु पहुंचेंगे और पीनया के पास इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एवं कमान नेटवर्क में सात सितंबर तड़के चंद्रयान की लैंडिंग को देखेंगे.