यह एक बौद्ध भिक्षु के शक्ल में बड़े पेट वाले दिखते हैं। मुख्य रूप से स्वर्ण रंग में इनको देखा जाता है परन्तु इसके अलावा भी अन्य रंगों में इनको देखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह लाफिंग बुद्धा सौभाग्य या गुड लक का प्रतीक होते हैं। चलिए समझते हैं लाफिंग बुद्धा के बारे में।
गौतम बुद्ध को तो सब जानते ही हैं कैसे इन्होंने समाज में नए धर्म का उद्दभव किया और लोगों को इसका ज्ञान दिया। गौतम बुद्ध सदैव भ्रमण पर रहते थे और अपने शिष्यों यानी बौद्ध भिक्षुओं की सहायता से धर्म प्रचार इत्यादि करते थे। महात्मा बुद्ध के कई शिष्य थे। उनमें से एक थे जापान के होतेई। ऐसा माना जाता है कि जब होतेई ने ज्ञान की प्राप्ति की तब वह जोर-जोर से हंसने लगे। तभी से उन्होंने अपने जीवन का एकमात्र उद्देश्य बनाया लोगों को हंसाना और खुश देखना। होतेई जहाँ भी जाते वहां लोगों को हंसाते. इसी वजह से जापान और चीन में लोग उन्हें हंसता हुआ बुद्धा बुलाने लगे, जिसका अंग्रेजी में अर्थ है लाफिंग बुद्धा। बाकि बौद्ध गुरुओं की ही तरह लाफिंग बुद्धा के भी अनुयायियों ने उनके एकमात्र उद्देश्य को देश-दुनिया में फैलाया।
चीन में उनके अनुयायियों ने इस कदर प्रचार किया कि वहां के लोग लाफिंग बुद्धा को भगवान मानने लगे।
वहां लोग इनकी मूर्ति को गुड लक के तौर पर घरों में रखने लगे। धीरे धीरे इनका प्रचार विश्व के अन्य क्षेत्रों में भी हुआ और लोग इन्हे गुड लक के प्रतीक के रूप में देखने लगे। प्रत्येक फोटो या मूर्ति में ये हंसते हुए ही नजर आते हैं और प्रेरणा देते हैं कि चाहे कितनी समस्याएं आ जाएं हंसते ही रहना चाहिए यही जीवन के आनंद का सरत्व हैं। चीन में इन्हे पुताई भी कहते हैं।