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बिना हेलमेट पहने चलाई कार तो कट जाएगा चालान!

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 ट्रैफिक रूल को लेकर सरकार सख़्ती बरतने की बात करती है लेकिन क्या क़ानून का सही तरीके से पालन सुनिश्चत करवाना क़ानून के संरक्षकों की ज़िम्मेदारी नहीं है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक ऐसी ही हस्यास्पद लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल ट्रैफिक पुलिस ने एक अजीबोगरीब चालान काटा है. मेरे पास एक कार है जिसका नंबर UP16BW3677 है. मैनें परिवहन पोर्टल पर जाकर अपना स्टेटस देखने की कोशिश की कहीं मेरे नाम से कोई चालान तो नहीं है?

पोर्टल पर मैनें जो कुछ देखा वो पहली नज़र में एक मज़ाक लगा लेकिन यह सच था. मेरे ऊपर 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. आप सोच रहे होंगे मैने सीट बेल्ट नहीं लगाई होगी इसलिए 100 रुपये का चालान काटा गया है लेकिन आप ग़लत हैं.

मेरा क़सूर यह है कि मैनें अपनी कार चलाते हुए हेलमेट नहीं पहना. जी आप ठीक पढ़ रहे हैं मैनें बिना हेलमेट के कार चलाई इसलिए मेरा 100 रूपये का चालान काटा गया है. यह मामला सुनने में ही हास्यास्पद लग रहा है. ट्रैफिक पुलिस के इस तरह के व्यवहार से लोगों के बीच क़ानून को लेकर संज़ीदगी कम होती है. इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आए हैं. आम तौर पर कई बार इस तरह के मामले ख़बरों में नहीं आते हैं और इसे तकनीकी भूल समझकर निपटा लिया जाता है.

सवाल यह उठता है कि एक तरफ सरकार लोगों से क़ानून को सख़्ती से पालन करने की हिदायत दे रही है, वहीं ट्रैफिक पुलिस की इस तरह की लापरवाही की वजह से लोगों के नज़र में क़ानून के प्रति सम्मान कम हो रहा है. निश्चित तौर पर RTO (रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफ़िस) को इस तरह के मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और जिस किसी ने भी यह लापरवाही की है उनके ख़िलाफ़ थोड़ी सख़्ती दिखानी चाहिए. जिससे कि ट्रैफिक पुलिस भी सड़क पर लापरवाह होकर काम न करे.

बता दें कि एक सितंबर से देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से कठोर प्रावधानों वाले मोटर व्हीकल (संशोधन) विधेयक 2019 लागू किया गया है. विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गए हैं.

किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.

इसके अलावा तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं.

किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जाएगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जाएगा.

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दो हजार की बजाय 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं हिट एंड रन के मामले में मौत होने पर 2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, जो पहले 25 हजार रुपये था.

इसके अलावा नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में जुवेनाइल एक्ट के तहत केस चलेगा.