मनरेगा में निर्माण सामग्री और मजदूरी को मिलाकर अभी भी एक करोड़ 86 लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान बकाया है। इसमें से 40 लाख रुपये मजदूरी शामिल है। वहीं निर्माण सामग्रियों को भुगतान एक से डेढ़ साल तक बकाया होना बताया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत विभिन्ना निर्माण कार्य कराया जाता है। गर्मी के दिनों ने सड़क, डबरी, तालाब निर्माण सहित कई कार्य कराया जाता है।वहीं बारिश के दिनों में पौधारोपण कराया जा रहा है। राज्य सरकार की नरवा, गरवा, घुरुवा, बाड़ी योजना का काम भी मनरेगा के माध्यम से कराया जा रहा है। जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में वित्तीय वर्ष में 71 करोड़ 63 लाख 23 हजार रुपये का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें वास्तविक व्यय 43 करोड़ 75 लाख पांच हजार रुपये दर्शाया गया है। मजदूरी पर व्यय 37 करोड़ 30 लाख 10 हजार रुपये और निर्माण सामग्री पर व्यय पांच करोड़ सात लाख 80 हजार रुपये किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी 40 लाख 75 हजार रुपये मजदूरी भुगतान बकाया बताया जा है। लंबित सामग्री भुगतान एक करोड़ 45 लाख 44 हजार रुपये है। सामग्री की बकाया राशि भुगतान को लेकर सरपंच पिछले कई महीने से जनपद व जिला पंचायत का चक्कर काट रहे हैं।
भुगतान नहीं मिलने से पंचायत परेशान
निर्माण सामग्रियों का भुगतान नहीं मिलने से पंचायत परेशान है। दुर्ग ब्लाक सरपंच संघ के अध्यक्ष रिवेंद्र यादव ने बताया कि निर्माण सामग्रियों के बकाया का भुगतान प्रायः सभी ग्राम पंचायतों में लंबित है। लेनदार सरपंचों को भुगतान के लिए परेशान भी करते हैं। कई पंचायतों में निर्माण सामग्री की राशि का भुगतान एक से डेढ़ साल में भी नहीं हो पाया है।
जल्द हो जाएगा भुगतान
एनआरएम के तहत मनरेगा में हुए कार्यों का भुगतान हो चुका है। अन्य बकाया भुगतान के लिए राशि जल्द मिल जाएगी। इसके बाद तत्काल भुगतान कर दिया जाएगा।