दीमक छोटे कीट हैं। जो लकडी और लकडी की बनी चीज़ेँ जैसे फर्निचर आदि कुतरकर खा जाते हैँ। दीमक ईसाइजल कीड़े हैं जिन्हें इन्फ्रास्ट्रक्चर आइसोपेटरा के टैक्सोनॉमिक रैंक में वर्गीकृत किया गया है, या तिलचट्टा के क्रम में ब्लैकोडेडा के एपिफैमिली टर्मिटॉइड के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दीमक को एक बार अलग-अलग तिलचट्टे से वर्गीकृत किया गया था, लेकिन हाल के फिलाजेनेटिक अध्ययनों से संकेत मिलता है
तो आपको ये जरूर मिल जाएंगी. चलिए आपको इन चारों चीजों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
1. सी रोबिन
यह बेहद दुर्लभ मछली है जो प्रशांत महासागर में पाई जाती है यह मछली समुद्र तल पर अपने पंखों की मदद से चलती है और शायद ही कभी समुद्र की सतह से ऊपर छलांग लगाकर उड़ने की कोशिश भी करती है इसके पंख तितली की तरह बहुत ही खूबसूरत होते हैं.इस मछली को बहुत ही कम लोग देख पाए हैं।
2. दीमक की बांबी
दीमक की बांबी कोई दुर्लभ चीज़ नहीं है लेकिन यदि वह 30 फुट ऊंची और 2000 साल पुरानी हो तो आप उसे दुर्लभ मान सकते हैं जी हां ऐसी दिमक की बांबी ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं इनमें से कुछ की ऊंचाई 30 फुट तक है और ये कई हजार साल पुरानी है।
3. सफेद मोर
मोर दुनिया का सबसे खूबसूरत के साथ हमारा रास्ट्रीय पक्षी भी है. इसके पंखों में कई रंग होते हैं लेकिन सफेद मोर की बात अलग है सफेद मोर का जन्म जेनेटिक म्युटेशन के कारण होता है. यह बहुत ही दुर्लभ अवस्था है और बहुत ही कम देखने को मिलती है दुनिया में बहुत ही कम सफेद मोर मौजूद हैं।
4. स्केट
यह एक तरह की मछली है जो बहुत ही दुर्लभ है इसका आकार भी सबसे अलग होता है. यदि आपको यह मछली कहीं पर दिख जाए तो आप शायद इसे दूसरे ग्रह का जीव समझ लेंगे. यह मछली समुद्र की गहराइयों में रहती है।