इंदौर के रहने वाले एक एनआरआई ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से ट्विटर के जरिए अपनी समस्या की फरियाद की. शख्स की शिकायत पर सीएम ने तुरंत एक्शन लिया और इंदौर के स्थानीय प्रशासन को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, मनोज वर्गीज नाम के एक शख्स ने शुक्रवार को सीएम कमलनाथ को ट्वीट कर लिखा था कि वह साल 1994 से NRI है, उसका घर इंदौर के साकेत नगर में है.
युवक ने कहा कि जब वो देश से बाहर था तो उसके पुराने किरायेदार ने स्थानीय प्रशासन की मदद से उसके घर पर कब्जा कर लिया. इस शख्स की शिकायत है कि कब्जा करने वाला व्यक्ति का नाम शिवराज है. युवक ने सीएम को ट्वीट कर कहा कि शिवराज बार-बार उनके मंत्री प्रियव्रत सिंह के नाम की धौंस देता है. ट्वीट पर मदद मांगने वाला NRI ओमान के मस्कत में रहता है.
इस ट्वीट के सामने आने के बाद सीएम कमलनाथ ने पीड़ित एनआरआई की मदद के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए जिसके बाद इंदौर आईजी ने एसपी यूसुफ कुरैशी के नेतृत्व में पुलिस टीम विवादित मकान में भेजी जहां दोनों पक्षों के बयान लिए गए. शाम को सीएम के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने बताया कि सीएम के हस्तक्षेप के बाद पुलिस टीम के सामने कब्जा करने वाले व्यक्ति ने 15 दिन के अंदर उक्त मकान को खाली करने का लिखित आश्वासन दिया गया है. समस्या का समाधान होने के बाद NRI मनोज वर्गीज ने ट्वीट कर सीएम कमलनाथ को धन्यवाद दिया. इस शख्स ने कहा, “मैं मध्यप्रदेश के डीजीपी वीके सिंह, एडीजी इंदौर वरुण कपूर, एसएसपी इंदौर और एसपी ईस्ट इंदौर समेत पूरी पुलिस टीम को इस मामले को इतनी जल्दी निवारण के लिए धन्यवाद देता हूं.”
मंत्री प्रियव्रत सिंह ने भी किया ट्वीट
NRI ने अपने ट्वीट में कमलनाथ सरकार के मंत्री का भी नाम लेते हुए लिखा था कि कब्जा करने वाला आपके मंत्री प्रियव्रत सिंह का नाम लेता है.
जब मंत्री प्रियव्रत सिंह को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने ट्विटर पर ही पीड़ित NRI को जवाब देते हुए कहा कि आपके और शिवराज लिमिडी के बीच में चल रहे विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है. इसका समाधान आप दोनों को करना है. प्रियव्रत सिंह ने कहा कि वे इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं कृपया उन्हें इस मामले से दूर रखा जाए.