नोएडा के सेक्टर-55 ए ब्लॉक में गुरुवार से आम लोगों को एक रुपये में भोजन मिलना शुरू होगा। इस सुविधा को शुरू करने वाली संस्था का दावा है कि यह पूरे देश में सबसे सस्ता खाना होगा। जन्माष्टमी पर्व से पहले शुरू की गई इस सुविधा के तहत रविवार को छोड़कर रोजाना दोपहर 12:30 बजे से दो बजे तक लोगों को खाना मिलेगा।
यह सुविधा श्री चित्रगुप्त सभा ट्रस्ट और श्री नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास की ओर से शुरू की गई। एक रुपये में मिलने वाले खाने में आम लोगों को कढ़ी-चावल व दाल-चावल के विकल्प में से किसी एक को चुनना होगा। संस्था के पदाधिकारियों ने यह भी दावा कि है कि लोगों की ओर से सहयोग मिलने के बाद एक रुपये में मिलने वाले खाने में व्यंजनों की संख्या को बढ़ाया जा सकेगा। इनमें मुख्य रूप से मिठाई को शामिल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए लोगों से बातचीत भी चल रही है।
इस संबंध में संस्था के मुख्य न्यासी राजन श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल विभिन्न स्थानों पर पांच रुपये में आम लोगों को भोजन उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा कि है कि गुरुवार से एक रुपये में भोजन मिलने की सुविधा शुरू होने के बाद यह देश का सबसे सस्ता तैयार खाना होगा। इसे लोग किसी दुकान से खरीद कर सम्मान पूर्वक अपनी भूख मिटा सकते हैं।
तीन महीने में मिल सकता है नाश्ता : संस्था की ओर से तीन महीने में स्कूली बच्चों व अन्य नौकरीपेशा लोगों को नाश्ता उपलब्ध कराने की योजना भी बनाई जा रही है। संस्था के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि नोएडा में ऐसे बहुत से युवा है जो अकेले रहते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें एक रुपए में दाल-चावल व कढ़ी-चावल का नाश्ता वे सुबह उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें सुबह आठ या नौ बजे से अपनी सुविधा शुरू करनी होगी। जल्द लोगों को नाश्ता उपलब्ध कराने पर संस्था के पदाधिकारी काम कर रहे हैं। कर्मचारियों की संख्या में इजाफा होते ही यह सुविधा को युवाओं और बच्चों के लिए शुरू कर दिया जाएगा।
तीन वर्षों से चल रही पांच रुपये में रसोई
संस्था की ओर से तीन वर्षों से सेक्टर-55 बी ब्लॉक में ही पांच रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। पांच रुपये में मिलने वाले इस भोजन में आम लोगों को दाल, चावल, रोटी, सब्जी और मिठाई दी जाती है। एक रुपये में भोजन उपलब्ध कराने पर संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष तक प्रयोग कर सस्ते से सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपना मूलभूत ढांचा तैयार किया है। ऐसी स्थिति में एक रुपये में लगातार वर्षों तक भोजन उपलब्ध कराने में उन्हे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।