19 साल बाद एक साथ स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. यह अद्धुत संयोग 19 साल बाद आया है. इससे पहले 2000 में ऐसा संयोग था, जब रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक साथ मनाया गया था. आज जहां स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर अपने अभिभाषण से सुबह 7:30 की.
वहीं, इसी समय कुछ बहनें अपने भाईयों के लिए रक्षाबंधन के लिए थालियां सजाने में व्यस्त दिखीं. इस बार का रक्षाबंधन पर अद्भुत योग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, ऐसा पहली बार है जब राखी बांधने का शुभ मुहूर्त लगभग 12 घंटे तक रहेगा. देश की सभी बहने 12 घंटे के बीच में कभी भी और किसी भी समय अपने भाईयों को राखी बांध सकती हैं.
सबसे अलग बात ये है कि इस बार भद्रा का कोई काला साया भी नहीं पड़ रहा है. इसलिए इस बार का रक्षाबंधन काफी शुभ है. भाई-बहन का ये त्योहार इस बार भद्रा दोष से मुक्त होगा. रक्षाबंधन गुरुवार के दिन है, इसलिए ये और भी ज्यादा शुभ है.
बहने काफी बेसब्री से इस त्योहार का इंतजार करती हैं, क्योंकि यही वो मौका है जब वे अपने भाईयों की कलाई पर रेशम का धागा बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके साथ भाई भी उन्हें तरह-तरह का गिफ्ट देकर उनकी रक्षा करने का वचन करते हैं.
कैसे सजाएं थाली?
- रक्षाबंधन पर थाली सजाने के दौरान थाली में रेशमी वस्त्र में केसर, चंदन, सरसों, चावल और दुर्वा रखनी चाहिए.
- इस थाली से पहले भगवान की पूजा करनी चाहिए.
- सबसे पहले राखी को भगवान शिव की प्रतिमा, तस्वीर या शिवलिंग पर अर्पित करें.
- इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का एक माला (108 बार) जप करें.
- इसके बाद देवाधिदेव शिव को अर्पित किया हुआ रक्षा-सूत्र भाईयों की कलाई पर बांधें.