आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और अनियमित तथा पोषक तत्वों के आभाव वाले भोजन के कारण हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है, इन्ही में से एक बीमारी है गुर्दे की पथरी, जोकि आम बीमारी बनती जा रही है, और इससे बहुत से लोग जूझ रहे हैं, लेकिन ये काफी खतरनाक बीमारी है, आज हम आपको ऐसी पत्तियों के बारे में बताने वाले हैं, जो इस बीमारी में बहुत फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
हम जिन पत्तियों की बात कर रहे है उस पौधे का नाम है पत्थरचट्टा, औषधीय गुणों वाला ये पौधा आसानी इ आपको अपने घरों के आसपास मिल जायेगा, इसका उपयोग किडनी से जुड़े रोगों और मूत्र विकार में किया जाता है, ये पेट के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने में मदद करता है।
ये बवासीर में भी फायदेमंद होता है, पत्थरचट्टा पेट फूलने की समस्या, अल्सर, घाव को ठीक करने और खून को साफ करने का काम भी करता है।
गुर्दे की पथरी में
पत्थरचट्टा की पत्तियों को तोड़कर इसका काढ़ा तैयार कर लें, ठंडा होने पर इस काढ़े में शिलाजीत और शहद मिला लें, फिर इसे थोड़ा थोड़ा करके सेवन करें, इसे दिन में दो बार लिया जा सकता है।
मूत्र विकार में
पत्थरचट्टा की पत्तियों का 5 मिली रस दिन में दो बार सेवन करें आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं, इससे मूत्र विकार ठीक हो जाते हैं।