यह कोई बरसाती नाला नहीं है. यह नाला एक आईएएस अधिकारी की सनक का नतीजा है. इनके सरकारी बंगले में बरसात का पानी न भरे, इसलिए उसने एक सरकारी स्कूल की ओर जाने वाली पक्की मुख्य सड़क खोद दी. बच्चे अब जान जोखिम में डालकर यह नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. इन बच्चों की सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं आईएएस अधिकारी अवि प्रसाद की है क्योंकि यह जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं.
सीईओ के बंगले में बारिश का पानी घुसने लगा तो उसने पूरी सड़क ही खुदवा दी. जब पीडब्लूडी के इंजीनियर से इस संबंध में बात की तो वह बोले कि हमारे पास पाइप नहीं है. अब यह तो 2 माह तक खुदी रहेगी. शहर में एक घंटे की बारिश में निचली बस्तियों में जल भराव होने की वजह से यहां के निवासियों को दिन-रात परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन इनकी समस्याओं का समाधान हो इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी हमेशा आश्वासन कर चले जाते हैं. लेकिन जब बात आईएएस अधिकारी की हो तो पूरा सरकारी तंत्र बिना किसी नियम-कायदे को देखते हुए समस्या का निराकरण करने में जुट जाता है.
सरकारी सड़क बिना कुछ सोचे समझे खोद डाली
जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद के सरकारी बंगले में बारिश का पानी घुसा और साहब को परेशानी हुई तो पीडब्लूडी और नगर पालिका का अमला हरकत में आ गया. सरकारी बंगले में बारिश के पानी को निकालने के लिए देखते ही देखते सरकारी सड़क को बिना कुछ सोचे समझे नगर पालिका की जेसीबी से खुदवा दिया गया.
अब स्कूली बच्चों के अलावा स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की इस परेशानी का देखते हुए जब मौके पर जाकर पड़ताल की गई तो सामने आया कि कलेक्ट्रेट कॉलोनी, सांची मार्ग पर स्थित जिला पंचायत सीईओ के सरकारी बंगले के आसपास जल निकासी के उचित इंतजाम नहीं होने की वजह से बारिश का पानी बंगले के भीतर घुस रहा था. इसी के चलते यह सड़क खुदवा दी गई.
सीईओ के बंगले पर हो रहा था जल भराव
वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो यह बात सही है कि जल भराव सीईओ के बंगले पर हो रहा था लेकिन जल निकासी के लिए सड़क को न खुदवाते तो अन्य वैकल्पिक इंतजाम आसानी से हो सकते थे, क्योंकि सीईओ के बंगले से कुछ दूरी पर मुख्य नाला गुजरा हुआ है. वहां तक नाली खुदवाई जा सकती थी. लेकिन मुख्य सड़क को इसलिए खुदवा दिया क्योंकि यह सड़क पर आवाजाही काफी अधिक रहती थी और दुपहिया वाहन, चार पहिया वाहनों की आवाजाही के साथ हार्न की वजह से भी सीईओ की शांति भंग हो रही थी.
एक अधिकारी ने बताया कि सीईओ साहब के बंगले में बरिश का पानी भरा रहा था और जल भराव अब न हो इसलिए सड़क पर नाली खोदी गई है. इसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती है. हमने खुद नगर पालिका की जेसीबी से सड़क को खुदवाया ताकि बारिश का पानी निकल सके. अभी हमारे पास पाइप नहीं है इसलिए 2 माह तक इसी तरह जल निकासी होगी और सड़क इसी तरह ही रहेगी.
प्रभारी मंत्री ने कही कार्रवाई की बात
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने इस बात को गंभीरता से लिया है. रायसेन जिले के प्रभारी मंत्री हर्ष यादव ने इस मामले को गंभीर बताया. उन्होंने इस मामले की जांच करने की बात कही और कहा कि जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.