वर्ष 2002 में बनी बॉलीवुड फिल्म गुनाह की कहानी को जिले के हिस्ट्रीशीटर बदमाश राहुल ठसराना और यूपी पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल ने याद ताजा कर दी है. इस फिल्म में अभिनेत्री बिपाशा बसु एक पुलिसकर्मी के किरदार में थीं और अभिनेता डीनू मोरिया ने बदमाश का रोल अदा किया था. फिल्म में दोनों के बीच लव अफेयर दिखाया गया था. कुछ इसी तर्ज पर दनकौर कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर बदमाश राहुल ठसराना के इश्क में ग्रेटर नोएडा में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी गिरफ्तार हो गई हैं. दोनों ने सबकुछ भुलाकर और नियम-कानून को ताक पर रखकर शादी रचा ली है.
ये दोनों अब ठसराना गांव से दूर कहीं अलग रह रहे हैं.
बेहद रोमांचक है प्रेम कहानी
गैंगस्टर राहुल पर एक दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2014 में वो जिले के बहुचर्चित मनमोहन गोयल हत्याकांड में जेल गया था. वो 5 हजार रूपए का इनामी बदमाश भी रह चुका है. दनकौर कोतवाली क्षेत्र के ठसराना गांव के रहने वाले बदमाश राहुल ने महिला पुलिसकर्मी से शादी कर फिल्मी कहानी को सच कर दिखाया है. खास बात है कि कानून के रखवाले और अपराधी के बीच की ये प्रेम कहानी बेहद रोमांचक है.
राहुल जब जेल में बंद था तो महिला पुलिसकर्मी की ड्यूटी बंदी गृह पर थी. ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ा. दोनों छिप-छिप कर मिलने लगे. राहुल के जेल से छूटने के बाद दोनों ने शादी रचा ली. शादी करने के बाद राहुल की पत्नी अपने ससुराल ठसराना गांव आती है, लेकिन राहुल गांव में नहीं देखा जाता.
अनिल दुजाना गिरोह का शार्प शूटर है राहुल
वर्ष 2014 में दनकौर में हुए व्यापारी मनमोहन गोयल हत्याकांड के बाद पुलिस ने अनिल दुजाना गिरोह के बदमाशों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिसमें राहुल ठसराना भी शामिल था. तब पता चला था कि राहुल अनिल दुजाना गिरोह का शार्प शूटर है. जमीन कब्जे के विवाद में कुख्यात अनिल दुजाना ने शूटरों से व्यापारी की हत्या करवाई थी.
एक वोट से मां हारी थी चुनाव
हिस्ट्रीशीटर राहुल ठसराना की मां शकुंतला देवी ने वर्ष 2016 में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था. गांव के ही रहने वाले जयप्रकाश उर्फ जगन की पत्नी ने चुनाव में उन्हें चुनौती दी थी. ठसराना की मां एक वोट से ग्राम प्रधान का चुनाव हार गईं थी और जगन की पत्नी चुनाव जीत गई थी. इस हार के बाद से ही ठसराना जगन से रंजिश मानने लगा था. चुनाव के दौरान ठसराना ने गांव में सरेआम ऐलान किया था कि जो भी उसकी मां के सामने चुनाव लड़ेगा, वो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. चुनाव के दौरान राहुल ने गांव में नेक, ईमानदार और कर्मठ जैसे शब्दों के साथ पोस्टर लगाए थे. पोस्टर में उसकी फोटो भी थी.
ऑटो चालक से हिस्ट्रीशीटर तक का सफर
राहुल ठसराना वर्ष 2008 में जरायम (जुर्म) की दुनिया में आया था. इससे पहले वो सिकंदराबाद में ऑटो चलाता था. ऑटो चलाने के दौरान उसकी मुलाकात गिरोह के सदस्यों से हुई थी और जिंदगी में आगे बढ़ने और चर्चित होने के लिए उसने अपराध का रास्ता चुन लिया. इसी साल मार्च महीने में रबूपुरा क्षेत्र में राहुल को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी. उसकी मां ने जगन पर हमला करने का आरोप लगाया था जो पुलिस जांच में सही साबित नहीं हुआ.