पर्यावरण एक जरूरी मुद्दा है। इससे दूर भागना बकवास है। दुनियाभर में लोग नदियों, पहाड़ों, पेड़-पौधों और समुद्र आदि को बचाने में जुट चुके हैं। क्योंकि अगर प्रकृति को नुकसान पहुंचेगा, तो असर हम इंसानों पर भी पड़ेगा।
धरती पर ऐसे लोग हैं, जो धरती को खूबसूरत बनाए रखने के लिए सराहनीय कदम उठा रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है जेनेट येज्ञश्वरन का। 68 वर्षीय जेनेट बेंगलुरु से हैं। उन्होंने 13 साल पहले यानी 2006 में अपने पति की याद में पहला पौधा लगाया था, आज वो अकेले ही 73,000 पौधे लगा चुकी हैं। इनमें से कुछ पेड़ बन चुके हैं।
साल 2005 में जेनेट के पति आरएस यज्ञेश्वरन की मौत हो गई थी। इसी दौरान बेंगलुरु में डेवलपमेंट के नाम पर कई पेड़ों को काटा जा रहा था। जेनेट ने पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहती थीं, तो उन्होंने पेड़ों को काटने के खिलाफ आंदोलन चलाने कि जगह पौधे लगाने शुरू किए। इस खूबसूरत काम की शुरुआत उन्होंने Rajanet Yegneswaran Charitable Trust की स्थापना से की, जो उनके पति के नाम पर है।
जेनेट ने पौधे लगाने का यह काम अकेले शुरू किया था। लेकिन वक्त के साथ उनके साथ लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। वो पौधरोपण के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु भी गईं। इस नेक काम की शुरुआत में ज्यादातर पैसा उनकी जेब से लगा। लेकिन अब उनका यह प्रयास बड़े पैमाने पर फैल चुका है। लोग उन्हें पौधे लगाने के लिए डोनेशन दे रहे हैं।
इतना ही नहीं, जेनेट ऐसे क्षेत्र में भी काम कर रही हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से तबाह हो गए हैं। उनके प्रोजेक्ट का नाम Thengaja है। उनका लक्ष्य गाजा साइक्लोन से प्रभावित इलाकों में एक हजार नारियल के पौधे लगाना है। बता दें, जेनेट ने लैंडस्केप डिजाइनिंग की पढ़ाई की है। उन्हें इस चीज की बेहतर जानकारी है कि किस क्षेत्र में पौधे लगाने चाहिए। और हां, जल्द ही जेनेट 75 हजार पौधे लगाने का रिकॉर्ड बना लेंगी। वेल डन मैम। सलाम है आपको।