हिरोली में जांच समिति को बिना बयान के ही लौटाने के बाद अब इस आंदोलन की रूप रेखा तय करने के लिए 26 जून बुधवार को दंतेवाड़ा में संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होनी है। इसी बैठक में आंदोलन से संबंधित रूप रेखा और आगे कैसे काम करना है, इस पर निर्णय होगा।
वहीं इलाके के आधा दर्जन से ज्यादा सरपंचों, पंचों और अन्य लोगों के द्वारा सीएम को नंदराज पहाड़ को बचाने के मामले में धन्यवाद देने की खबरों पर अपना पक्ष रखते हुए सरपंचों को समाज और जनआंदोलन से जुड़े लोगों से इसके लिए माफी मांगनी पड़ रही है। सीएम से मिलने गए बड़े बेड़मा के सरपंच शंकर कुंजाम ने कहा कि सरपंचों का दल डीएमएफ मद से राशि उपलब्ध करवाने और मनरेगा के काम शुरू करवाने की मांग को लेकर सीएम से मिलने गया था लेकिन परस्थितियां बदल गईं। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद समाज और जन आंदोलन से जुड़े लोगों में रोष है। ऐसे में हम इसके लिए माफी मांग रहे हैं।
कई दिनों से सचिव अनुपस्थित : हिरोली में ग्रामीणों के बयान के दौरान सचिव के नहीं पहुंचने के बीच कुआकोंडा जनपद सीईओ एसके टंडन ने कहा कि सचिव पिछले कई दिनों से अनुपस्थित चल रहा है। उन्होंने कहा कि सचिव की अनुपस्थिति की शिकायतों के बीच उसे कई बार नोटिस जारी किया गया है लेकिन वह हाजिर नहीं हो रहा है। बार-बार नोटिस देने के बाद भी सचिव के हाजिर नहीं होने के मामले में एसडीएम नूतन कंवर ने कहा कि कलेक्टर के निर्देश के हिसाब से सचिव पर कार्रवाई तय की जाएगी।
कंपनियों ने भी नहीं दिया जवाब : दूसरी ओर इधर पेड़ों की कटाई के मामले में एनएमडीसी और एनसीएल कंपनी से भी प्रशासन ने जवाब मांगा था पहले दोनों कंपनियों के सीईओ ने पंद्रह दिन का समय मांगा था लेकिन तय सीमा पूरी होने के बाद कंपनियों की ओर से फिर से जवाब देने के लिए समय की मांग की है। रेंजर आरआर पटेल के अनुसार एनएमडीसी ने दस्तावेज हैदराबाद में होने की बात कहते हुए मामले में जवाब देने के लिए थोड़े समय की मांग की गई है।
…जिस कांग्रेसी नेता के साथ सरपंच गए थे उसका विरोध! : कुछ दिनों पहले दंतेवाड़ा लोगों के द्वारा सीएम भूपेश बघेल से मिलकर नंदराज पहाड़ को बचाने के मामले में धन्यवाद देने की खबरें आई थी। अब इस मामले ने समाज में नया मोड़ ले लिया है और सरपंचों को समाज और जनआंदोलन से जुड़े लोगों से इसके लिए माफी मांगनी पड़ रही है। सूत्रों की मानें तो सरपंचों के सीएम से मुलाकात का कोई विरोध नहीं है बल्कि आदिवासी समाज में जिस कांग्रेसी नेता के साथ सरपंच गए थे उसका विरोध है। वहीं दूसरी ओर आज होने वाली बैठक में सर्व आदिवासी समाज के सदस्य भी शामिल होंगे।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रशासन ने इस मामले में पंद्रह दिनों में रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी लेकिन हिरोली के ग्रामीणों के बयान दर्ज नहीं करवाने के बाद अब यह जांच का मामला अटक सा गया है। दंतेवाड़ा कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा का कहना है कि एसडीएम को बयान लेने हिरोली भेजा गया था लेकिन गांव के लोगों ने अपना बयान दर्ज नहीं करवाया है। इस पूरे मामले की जांच 15 दिनों में करनी थी लेकिन ऐसा संभव होता नजर नहीं आ रहा है।
नक्सली फरमान जारी अवधेश गौतम से रहें दूर : दरभा डिवीजन कमेटी के सचिव साईनाथ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 7 से 13 जून तक अडानी के खिलाफ हुए आंदोलन को जनाक्रोश बताया है। इस आंदोलन में शामिल हुई जनता, एनएमडीसी के मजदूरों को बधाई देते हुए उद्योग मंत्री कवासी लखमा पर आंदोलन का साथ नहीं देने का आरोप लगाया है। साईनाथ ने जारी बयान में कहा है कि एक ओर बस्तर की जनता कॉर्पोरेट घरानों के चंगुल से अपने जल जंगल जमीन बचाने के लिए संघर्षरत है तो वहीं लखमा कनाडा के उद्योगपतियों को न्योता दे रहे हैं। साथ ही आंदोलन में कांग्रेसी नेता अवधेश गौतम से भी दूरी बनाए रखने व गुंडाधुर की प्रतिमा तोड़ने वालों को सजा देने की मांग की गई है।