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ऑनलाइन शॉपिंग में फ्रॉड से बचाने के हैं ये तरीके, हरदम रखें याद

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 ऑनलाइन शॉपिंग आजकल तेजी से बढ़ रही है। देश में अब ऑनलाइन शॉपिंग 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है। लेकिन जिस तेजी से ऑनलाइन शापिंग बढ़ रही है उसी तेजी से ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि जब भी ऑनलाइन शॉपिंग की जाए तो कुछ जरूरी सावधानियां जरूरी वरती जाएं। अगर इन सावधानियों को ध्यान रखा जाए तो ऑनलाइन फ्रॉड से आसानी से बचा जा सकता है।

पहले जानते हैं ऑनलाइन शॉपिंग के फायदे

ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां पर एक ही सामान की ढेरों रेज मिल जाती हैं, जिससे अपनी पसंद का सामान लेना आसान हो जाता है। वहीं रे को लेकर ठगने का खतरा नहीं रहता है। हर सामान का रेट साफ साफ लिखा होता है। इसलिए मोलभाव करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। इसके अलावा पेमेंट के भी कई ऑप्शन मिलते हैं। आइये अब जानते हैं कि कौन सी सावधानी आपको नुकसान से बचा सकती है ….कार्ड का डिटेल कभी वेबसाइट पर न सेव करें

कई बार बड़ी ई-कामर्स कंपनियों पर खास सामान लेने पर कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन नहीं मिलता है। ऐसे में आपको ऑनलाइन पेमेंट करना मजबूरी होता है। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले यह चेक करना चाहिए कि जिस वेबसाइट से सामान ले रहे हैं वह भरोसेमंद है या नहीं। अगर यह वेबसाइट भरोसेमेंद है तो पेमेंट करने में कुछ सावधानी जरूर रखें। इन सावधानी में सबसे जरूरी है कि पेमेंट के वक्त क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डिटेल साइट पर सेव न करें। वेबसाइट पेमेंट के वक्त आपको ऐसी जानकारी सेव करने का ऑप्शन देती हैं। ऐसा आप्शन जब भी दिखे सबसे पहले उसमें नहीं का विक्लप चुनें फिर पेमेंट करें। इस सावधानी से आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड की आशंका काफी कम हो जाएगी।

भुगतान का सबसे अच्छा तरीका कैश ऑन डिलीवरी

ऑनलाइन साइट से सामान लेते वक्त भुगतान के कई विकल्प मिलते हैं। इनमें सबसे सेफ तरीका कैश ऑन डिलीवरी का होता है। इस तरीके में आपको वेबसाइट पर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं देनी होती है। ऐसे में फ्रॉड की आशंका नहीं रहती है। ऐसे में अगर सामान खरीदने के दौरान यह सुविधा मिलती है, तो इसी को चुनना चाहिए।

फर्जी वेबसाइट से बचें

आजकल ठगी करने वाले मिलते जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट बना लेते हैं, और ग्राहक इन वेबसाइट पर सामान खरीदते वक्त अपना डिटेल छोड़ते हैं। इसके बाद फर्जी वेबसाइट बनाने वाले लोगों का पैसा उड़ा देते हैं। सोशल मीडिया पर आजकल अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के नाम से फर्जी लिंक शेयर किए जाते हैं। इन पर फर्जी विज्ञापन दिखाए जाते हैं और इन विज्ञापन में सामानों को काफी सस्ता दिखाया जाता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसी फर्जी वेबसाइट से बचें।

ये है फर्जी वेबसाइट पहचानने का तरीका

किसी भी ऑनलाइन सामान बेचने वाली वेबसाइट पर जानें से पहले यह जरूर देखें कि यह सिक्योर है या नहीं। अगर यह अन सिक्योर वेबसाइट तो इस से बचें क्योंकि ऐसी वेबसाइट पर पेमेंट करना खतरे से खाली नहीं है। यदि किसी वेबसाइट के यूरआएल की शुरुआत में हरे रंग के लॉक का निशान या उसमें https नहीं है, तो ऐसी वेबसाइट पर भरोसा न करें। ये वेबसाइट्स फर्जी हो सकती हैं। इन वेबसाइट से क्रेडिट या डेबिट कार्ड या बैंक से संबंधित जानकारी चोरी हो सकती है, जिसका बाद में आपको खामियाजा उठाना पड़ सकता है।

ऐसे पहचाने सोशल मिडिया पर आने वाले फर्जी लिंक

आमतौर पर लोग सोशल मीडिया पर लिंक शेयर करते हैं। अक्सर यह बिना देखे ही शेयर कर दिए जाते हैं। इन लिंक में कई बार काफी सस्ता सामान बेचने का ऑफर भी होता है। यह ऑफर इतना आकर्षक होता है कि लोग खुद को रोक नहीं पाते हैं और अक्सर फर्जी वेबसाइट के जाल में फंस जाते हैं। इसलिए आगे से जब भी आपको ऐसे लिंक मिलें उनके यूआरएल जरूर चेक करें। अक्सर ऐसा होता है कि जो लिंक आपको सोशल मिडिया पर दिया जाता है, खोलने पर उसकी जगह कोई दूसरा यूआरएल खुलता है। इसलिए लिंक में दिए यूआरएल और खुलने वाले यूआरए को जरूर मिलाएं।

बिकता है नकली सामान, ये है बचने का तरीका

कई बार बड़ी बड़ी वेबसाइट पर भी नकली सामान मिल जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि नामी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कुछ सेलर्स फर्जी प्रोडक्ट्स को लिस्ट शेयर कर कर देते हैं। ये सेलर्स सामान की कीमत को कम से कम बताते हैं, जिससे उनकी बिक्री बढ़े। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी वेबसाइट से सामान लेने के पहले उस पर लगे लेबल को देखें। अगर आप फ्लिपकार्ट से सामान लेते हैं तो उस पर फ्ि फ्लिपकार्ट एश्योर्ड और अमेजन पर अमेजन फुलफिल्ड का लेबल होता है। ऐसे लेबल लगे सामान की ये कंपनियां जिम्मेदारी लेती हैं। लेकिन जिन सामान पर यह लेबल नहीं लगा होता है, कंपनियां उनकी जिम्मेदारी नहीं लेती हैं।