हम सभी का जीवन पानी के बगैर कुछ भी नहीं है, पानी ही जीवन का आधार है। ऐसे में हम सभी सुबह की शुरूआत से लेकर रात सोने तक पानी का नजाने कितनी बार इस्तेमाल करता है। लेकिन फिर में हम में से कई लोग पानी के महत्व को समझते नहीं है। इसके साथ ही घर में रखा पानी हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है।
ऐसे में वास्तु में पानी को लेकर भी कुछ नियम बनाए गये हैं, ऐसे में वास्तु में घर में पानी को स्टोर करने के कुछ नियम बने हैं जिन नियमों को ध्यान में रख कर घर में पानी का संचय करने से लाभ मिलता है व सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आज हम इस लेख में वास्तु के अनुसार घर में पानी को लेकर बने नियमों के बारे में बता रहें हैं।
- वास्तु में माना जाता है कि घर के किचन में पीने के पानी को स्टोर किया जाता है तो किचन में पानी से भरा बर्तन उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखें।
- घर में पानी का भंडार करने से पहले दिशा का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि पानी का स्थान ईशान कोण है जिस कारण से पानी का भण्डार या घर में भूमिगत टैंक या बोरिंग को पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में करें।
- पानी को खीचने के लिए घर में अगर मशीन लगा है तो उसे भी इसी दिशा में लगाए। वहीं ओवर हेड टैंक उत्तर और वायव्य कोण के बीच होना चाहिए। टैंक का ऊपरी भाग गोल होना चाहिए।
- किचन या बाथरूम के नल से पानी टपकता है तो उसे जल्द से जल्द सही करवालें वास्तु में इसे उचित नहीं माना जाता। ऐसा होने से घर में धन की हानि होती है और घर में गरीबी आती है।