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छत्तीसगढ़ : कांग्रेस को शहर से ज्यादा ग्रामीण वोटरों पर भरोसा

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रायपुर। तीसरे चरण सातों लोकसभा क्षेत्रों में हुए मतदान पर कांग्रेस को शहर से ज्यादा ग्रामीण वोटरों पर भरोसा है। ऐसा इसलिए कि एक-एक सीट से मतदान प्रतिशत और स्र्झान की रिपोर्ट पार्टी के कंट्रोल रूम को मिलने लगी, तो कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों में स्थिति ज्यादा मजबूत लगी। दोपहर होते तक कांग्रेस ने रणनीति बदल दी और अपनी ताकत गांवों की तरफ ज्यादा लगा दी।

पार्टी के कंट्रोल रूम से लोकसभा क्षेत्रों के वरिष्ठ नेताओं को आउटर के पोलिंग बूथें को फोकस करने के लिए कहा गया। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ग्रामीण वोटरों को घर से पोलिंग बूथ तक ले जाने में जुट गए, ताकि ग्रामीण इलाकों का मतदान प्रतिशत बढ़े और कांग्रेस को बढ़त मिल सके।

कांग्रेस ने प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में कंट्रोल रूम बनाया था, जहां हर लोकसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग प्रभारी बिठाए गए थे। इन प्रभारियों का एक ही काम था कि वे जिलाध्यक्षों, लोकसभा व विधानसभा प्रभारियों से हर आधे घंटे में बात करके मतदान प्रतिशत और रूझान लेते रहे।

कंट्रोल रूम की कमान प्रदेश प्रभारी गिरिश देवांगन, महेंद्र छाबड़ा और मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने संभाल रखी थी। मतदान शुरू होने के बाद जब यह रिपोर्ट मिलने लगी कि ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए मुकाबला कड़ा है, तब ग्रामीण क्षेत्रों से रिपोर्ट मांगी गई।

ग्रामीण क्षेत्रों का रूझान शहरी के मुकाबले मजबूत मिला। तत्काल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने फैसला लिया कि ग्रामीण इलाकों को मजबूत किया जाएगा। तब तक पार्टी के प्रत्याशी भी शहरी क्षेत्रों का दौरा लगभग कर चुके थे।

उन्हें भी ग्रामीण क्षेत्रों के पोलिंग बूथों पर पहुंचने के लिए कहा। दोपहर बाद शहरी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को भी ग्रामीण इलाकों में भेजा गया, ताकि मतदान खत्म होने से पहले अधिकाधिक लोगों को वोट डालने के लिए लाया जा सके। मतदाताओं को घर से निकालकर पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था की गई थी।

6000 याद दिलाते रहे पार्टी कार्यकर्ता

पोलिंग बूथों के आसपास पार्टी के कार्यकर्ता तैनात किए गए थे, जो मतदान देने जाने वाले वोटरों को 6000 बोलकर पंजा का बटन दबाने की अपील करते रहे। कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना के तहत हर गरीब परिवार की न्यूनतम वार्षिक आय 72 हजार करने का वादा किया है। प्रति माह अधिकतम छह हजार स्र्पये महिलाओं के खाते में डालने की बात कही जा रही है।

ग्रामीण क्षेंत्रों में मतदान भी अच्छा हुआ

रायपुर समेत दूसरी लोकसभा सीटों को देखा जाए, तो ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत अच्छा है। ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत को देखकर कांग्रेसी उत्साहित हैं। उनका दावा है कि कर्जमाफ, धान का मूल्य 25 सौ स्र्पये, न्यूनतम आय योजना के प्रभावित होकर ग्रामीणों में ज्यादा मतदान किया है।