रायपुर। छत्तीसगढ़ में मनरेगा के माध्यम से सरकार स्थायी आमदनी बढ़ाने वाले कार्यों पर फोकस करेगी। कांग्रेस सरकार गांवों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इसको देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने मंगलवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मनरेगा में लोगों की स्थायी रूप से आमदनी बढ़ाने वाले कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी संवर्धन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए गौठान एवं चारागाह विकास के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश भी दिया।
प्रदेश के हर पंचायत में मनरेगा कार्य शुरू होना चाहिए। प्रदेश में एक भी पंचायत ऐसा नहीं होना चाहिए, जो इस योजना के लाभ से वंचित रहे। मनरेगा के तहत ऐसे कार्यों का चुनाव करें, जिससे परिसंपत्ति निर्माण के साथ ही अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिलें।
आगामी वित्तीय वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ में 13 करोड़ रोजगार दिवस की स्वीकृति भारत सरकार से मिली है। इस दौरान एसीएस आरपी मंडल, रीता शांडिल्य, भीम सिंह और जीतेन्द्र शुक्ला भी मौजूद थे।
15 फीसदी गांव में बनने लगे गौठान-चारागाह
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 15 प्रतिशत चयनित पंचायतों में गौठान और चारागाह विकास की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए चयनित एक हजार 646 पंचायतों में से 440 पंचायतों में कार्य स्वीकृत कर 130 पंचायतों में काम शुरू भी कर दिया गया है।
के लिए मनरेगा मद से 45 करोड़ 79 लाख और अन्य मदों से एक करोड़ 83 लाख स्र्पये की राशि मंजूर की गई है। सिंहदेव ने मनरेगा मजदूरी भुगतान, ज्योग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम का उपयोग करते हुए एकीकृत कार्ययोजना तैयार करने, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) और मनरेगा के अंतर्गत प्रगतिरत निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।