कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों और किसानों से पूछे बिना ही उद्योगपतियों को जमीन दी जाती है।
कांग्रेस सरकार आदिवासियों और किसानों की जमीनों की रक्षा के लिए वर्ष 2013 में जमीन अधिग्रहण बिल लाई थी। साथ ही पेसा कानून भी लागू किया था। बिना आदिवासियों और किसानों से पूछे किसी भी उद्योगपति को जमीन नहीं दी जा सकती है।
गांव के 80 फीसदी किसानों की सहमति के बाद अगर जमीन दी जाएगी तो पहले उसे सोशल इंपैक्ट देखा जाएगा। इसके बाद किसानों को बाजार मूल्य से 4 गुना ज्यादा राशि देकर ही जमीन ली जा सकती है।
लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले भूमि अधिग्रहण बिल को ही रद्द करने का प्रयास किया। राहुल गांधी शनिवार को मोरहाबादी मैदान में प्रदेश कांग्रेस के द्वारा आयोजित परिवर्तन उलगुलान रैली को संबोधित कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारराहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस ने कह दिया था कि हम किसानों और आदिवासियों की जमीन 15 से 20 उद्योगपतियों के हाथ में नहीं जाने देंगे। मोदी सरकार ने तीन बार संसद में इसके लिए कोशिश की लेकिन कांग्रेस ने हर बार उन्हें रोका।
उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं के पास रोजगार नहीं है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी यहां पर है। झारखंड गरीब नहीं है लेकिन यहां की जनता गरीब है। हर रोज यहां की जनता के पैसे, जंगल जमीन की चोरी की जा रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि वे झारखंड को बदलने आए हैं। उन्हें और मंच पर बैठे दूसरी पार्टी के झाविमो, झामुमो के नेताओं पूरा भरोसा है कि सब मिलकर एक साथ झारखंड को बदलने वाली सरकार देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी झारखंड में अकेली नहीं बल्कि पूरा विपक्ष मिलकर लड़ रहा है। झामुमो, झाविमो सारे लोग मिलकर एक साथ बीजेपी को हटाने जा रहे हैं। झारखंड की सभी 14 सीटों पर गठबंधन का उम्मीदवार जीतेगा। इसके 6 माह बाद भाजपा विधानसभा चुनाव में भी हार जाएगी।