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छत्तीसगढ़ के सपूत रामदेव अग्रवाल द्वारा एनआईटी रायपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु 71 करोड़ रुपये का योगदान

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  • मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने एनआईटी रायपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए 71 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए अत्यंत गर्व के इस क्षण में, छत्तीसगढ़ की धरती के सपूत और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री रामदेव अग्रवाल ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर में इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CoE-IEET) हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 71 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक योगदान देने की घोषणा की है। यह परिवर्तनकारी पहल एनआईटी रायपुर को नवाचार और उद्यमिता के एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जो भारतभर में आर्थिक विकास को गति देने और भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं को सशक्त बनाने का कार्य करेगी।
डॉ. सुरेश के. हावरे, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, प्रो. एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर, कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, आईएएस और श्री अबिनाश मिश्रा, आईएएस के दूरदर्शी नेतृत्व में, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का प्रस्ताव प्रो. समीर बाजपेयी, प्रमुख, करियर डेवलपमेंट सेंटर; डॉ. अनुज कु. शुक्ला, संकाय प्रभारी, इनक्यूबेशन सेल; और श्री पवन कटारिया, सहायक कुलसचिव द्वारा 04 अप्रैल 2025 को मुंबई में प्रस्तुत किया गया था। इस परियोजना को श्री रामदेव अग्रवाल के साथ-साथ फाउंडेशन की निदेशक वेदिका अग्रवाल और मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री महर्षी वैष्णव द्वारा अत्यंत उत्साह के साथ स्वीकार किया गया। यह पहल मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन, एनआईटी रायपुर और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, आईएएस और श्री अबिनाश मिश्रा, आईएएस के प्रतिनिधित्व में त्रिपक्षीय सहयोग से विकसित की जाएगी, जिनका यह प्रस्ताव आरंभ से ही पारित कराने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस सहयोग की नींव 03 नवंबर 2024 को श्री रामदेव अग्रवाल की एनआईटी रायपुर यात्रा के दौरान रखी गई थी।
छत्तीसगढ़ के गौरवशाली सपूत श्री रामदेव अग्रवाल, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, आज भी अपनी जड़ों से गहराई से जुड़े हुए हैं। उनका यह उदार योगदान केवल राष्ट्र निर्माण में उनकी रणनीतिक प्रतिबद्धता को ही नहीं दर्शाता, बल्कि मातृभूमि के प्रति उनके गहन प्रेम और कृतज्ञता को भी व्यक्त करता है। संस्थान और समाज हेतु उनका यह सहयोग एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
इस सेंटर का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों—जैसे खनन, लौह एवं इस्पात, ऊर्जा और प्रोसेस इंडस्ट्रीज—में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए एक विश्वस्तरीय केंद्र के रूप में कार्य करना है। यह सेंटर अत्याधुनिक प्रतिभाओं को विकसित कर औद्योगिक परिवर्तन को सशक्त बनाएगा। आने वाले समय में यह सेंटर राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप एक मील पत्थर साबित होगा और नवाचार एवं उद्यमिता के नए मानदंड स्थापित करेगा।
प्रो. एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर ने इस साझेदारी के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा,“हमें गर्व है कि छत्तीसगढ़ के सपूत श्री रामदेव अग्रवाल ने अपनी मातृभूमि के भविष्य में निवेश करने का निर्णय लिया है। उनका यह असाधारण योगदान नवप्रवर्तकों, उद्यमियों और भावी नेताओं की एक नई पीढ़ी को सशक्त बनाएगा, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के भविष्य को आकार देंगे।” श्री अबिनाश मिश्रा, आईएएस ने कहा कि “यह पहल आत्मनिर्भर और नवाचार-संपन्न छत्तीसगढ़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार ऐसे परिवर्तनकारी सहयोगों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समावेशी और सतत विकास की हमारी दृष्टि के अनुरूप हों।”
यह ऐतिहासिक सहयोग एनआईटी रायपुर की विकास यात्रा में एक निर्णायक अध्याय सिद्ध होगा, जो यह दर्शाता है कि कैसे दूरदर्शी परोपकार से समाज के व्यापक परिवर्तन को संभव बना सकता है।