रायपुर। रायपुर समेत प्रदेश के 10 नगर निगमों में मेयर और पार्षद चुन लिए गए है। लेकिन सभी के शपथ ग्रहण और चार्ज लेने में 2 हफ्ते का वक्त लगेगा। नियम के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग रिजल्ट को लेकर अधिसूचना जारी करेगा।
और नोटीफिकेशन के 15 दिन के सभी निकायों में पार्षदों, मेयर और अध्यक्षों की एक सभा बुलाई जाएगी, उसके बाद शपथ ग्रहण किया जाएगा। पार्षदों के शपथ ग्रहण के दिन ही नगर निगम में सभापति का चुनाव होगा। ।
शपथ के बाद खत्म होगा प्रशासक का कार्य
वर्तमान में रायपुर नगर निगम समेत 10 नगर निगम में कलेक्टर प्रशासक की भूमिका में हैं। मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण के दिन से नगर निगम में प्रशासक की भूमिका को शासन शून्य करेगा और फिर नगर निगम में जनता की ओर से चुनी हुई सरकार कार्य करेगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद हो सकता है शपथ ग्रहण
प्रदेश में कल से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शुरू होने वाला है। ऐसे में 17, 20 और 23 फरवरी को तीन चरणों में मतदान सम्पन्न होगा। इस चुनाव के लिए अधिकारी व्यस्त रहेंगे। ऐसे में पंचायत चुनाव पूरा होने के बाद नगर निगमों में शपथ ग्रहण हो सकता है।
निगम में नेता प्रतिपक्ष का प्रावधान नहीं
रायपुर नगर निगम में इस बार भाजपा के 60, कांग्रेस से 7 और 3 निर्दलीय पार्षद चुनकर आए है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए कितने पार्षदों की संख्या होनी चाहिए इस संबंध में जब नगर निगम सचिवालय से दैनिक भास्कर ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय के एक्ट में नेता प्रतिपक्ष नाम का कोई पद ही नहीं है।
अभी तक राजनीतिक दल अपने पार्षदों के लिए एक नेता प्रतिपक्ष की घोषणा करते है। लेकिन संवैधानिक तौर पर नगरीय निकाय में ऐसी कोई मान्यता नहीं होती है। वहीं इसके लिए कोई संख्या की आवश्यकता नहीं होती ही।