नई दिल्ली। भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने पर दिल्ली में ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। भारत के संविधान का संस्कृत और मैथिली में भी विमोचन किया गया। इसका मतलब अब आप संविधान को संस्कृत और मैथिली दोनों भाषाओं में पढ़ सकेंगे। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया।
संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। पीएम मोदी, राहुल गांधी और उपराष्ट्रपति ने संविधान का विमोचन किया।
राष्ट्रपति ने स्मारक सिक्के का विमोचन किया
राष्ट्रपति ने संविधान के 75 साल पूरे होने पर स्मारक सिक्के का विमोचन किया और डाक टिकट भी जारी किया। संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने सभी देशवासियों को बधाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा, संविधान लोकतंत्र की आधारशीला है। संविधान देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है। भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने आगे कहा, मैं संविधान दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई देती हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान प्रगतिशील और समावेशी है। न्याय, स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व संविधान के आदर्श हैं। संविधान जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। हमारा संविधान अन्य देशों के लिए आदर्श है। संविधान से सामाजिक न्याय के लक्ष्य मिले। नारी शक्ति वंदन अधिनियम से महिला सशक्तिकरण हुआ।
संविधान सभा के सभी सदस्यों को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति ने आगे ये भी कहा कि आज हम ऐतिहासिक अवसर के साक्षी हैं। साथ ही उन्होंने संविधान सभा के सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
वहीं पीएम मोदी ने भी इस अवसर पर मंगलवार को देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, सभी देशवासियों को भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।