रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम ने करवट ले ली है ज्ञात होगी ठंड का मौसम आ गया है दिन में भी ठंडी हवाओं का एहसास हो रहा है । रात में तापमान में भी गिरावट नजर आ रही है ज्ञात होगी मौसम में बदलाव के साथी विभिन्न बीमारियों का भी आगमन हो चुका है बता दे की मुख्यतः छोटे बच्चों में फ्लू और सर्दी जुकाम की समस्याएं देखी जा रही हैं। मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चों में फ्लू का खतरा बढ गया है। बदलते मौसम में बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना चाहिए ।विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों का इम्यून सिस्टम व्यस्कों के मुकाबले कम होता है. जिससे बैक्टीरिया और वायरस को हमलावर होने का मौका मिल जाता है। वैसे तो ठंडी में सर्दी, जुकाम, बुखार, स्किन का फटना, ड्राईनेस की समस्या आम होती है ।लेकिन बच्चों को अधिक ठंग लगने से देखभाल की जिम्मेदारी बढ़ जाती है ।इसलिए सर्दी में बच्चों का खास ध्यान रखना पड़ता है । थोड़ी सी लापरवाही बच्चे के लिए बड़ी स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। ऐसे में अभिभावकों को जरूरी हो जाता है कि साफ-सफाई से लेकर खानपान और पहनावे पर विशेष ध्यान देकर अपने बच्चों को सुरक्षित बनाएं । हालांकि कोरोना काल ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरुक किया है फिर भी छोटे बच्चों को इस मौसम में विशेष देखभाल की जरूरत होती है ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके।
अभिभावकों को जरूरी हो जाता है कि साफ-सफाई से लेकर खानपान और पहनावे पर विशेष ध्यान देकर अपने बच्चों को सुरक्षित बनाएं । इसे लेकर दैनिक विश्व परिवार समाचार पत्र की रिपोर्टर जय वाधवा ने शिशु रोग विशेषज्ञ अनूप वर्मा से खास बातचीत की उन्होंने बताया कि जब जांच शिशु में मौसमी बदलाव नया होता है साथी उनमें इम्यूनिटी की भी कमी होती है जिसकी वजह से उन पर मौसम का प्रभाव जल्दी पड़ता है। जिसकी वजह से उन्हें जल्दी सर्दी खांसी और जुकाम होता है आगे उन्होंने कहा कि आमतौर पर बड़ों में जिस प्रकार की इम्युनिटी होती है उसे प्रकार की इम्युनिटी बच्चों में नहीं होती है जिसकी वजह से उन्हें संक्रमण जल्दी हो सकता है। आगे बातचीत में उन्होंने बच्चों को बढ़ती ठंड से किस प्रकार से बचाया जाए इस पर भी खास चर्चा की उन्होंने बताया कि बच्चों को फ्लू वैक्सीन लगाना चाहिए जो 6 महीने के बाद लगती है पहले वैक्सीन 6 माह के बाद एवं दूसरी वैक्सीन एक माह के अंतराल में लगवानी चाहिए। बदलते मौसम के साथ बच्चों में सर्दी जुकाम का खतरा बढ़ जाता है, जिसे अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए। शिशु रोग विशेषज्ञ अनूप वर्मा ने बताया कि बच्चों के खान-पान में भी खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें दाल – चावल खिचड़ी एवं घी और मक्खन जैसी गर्म चीज ठंड के मौसम में खिलानी चाहिए ताकि उनके शरीर का तापमान गर्म रहे। आगे कहा कि यदि घर में किसी बच्चे को या बड़े को जुकाम या सर्दी है तो उन्हें बच्चों से दूरी बनाई रखनी चाहिए ताकि बच्चा सुरक्षित रहे। उन्होंने बताया की सर्द मौसम में बच्चों को पंखे के नीचे या फिर गाड़ियों में विंडो क्लोज करके रखना चाहिए और नहाते वक्त उनके सर पर पानी हल्का गुनगुना करके नहलाना चाहिए ताकि उन्हें सर्दी जुकाम जैसी बीमारी ना हो। घरेलू उपचार पर भी शिशु रोग विशेषज्ञ अनूप वर्मा ने कहा कि घरेलू उपचार न करके शिशु रोग विशेषज्ञों से सलाह लेकर उपचार करना चाहिए ताकि समय रहते उसे संक्रमण को पूर्ण तरीके से खत्म किया जा सके। शिशु रोग विशेषज्ञ अनुक्रम दैनिक विश्व परिवार समाचार पत्र से खास चर्चा करते हुए यह भी कहा कि बच्चों को इस मौसम में गर्म कपड़े और कान ढके हुए रहनी चाहिए ताकि वह गर्म माहौल में रह सके।