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GDP : मोदी सरकार के लिए विदेश से आई गुड न्यूज रफ्तार से आगे बढ़ेगी इकोनॉमी, जानें…..

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए विदेश से गुड न्यूज आई है. भले ही देश में महंगाई बढ़ गई है, लेकिन इसके बावजूद दिग्गज रेटिंग एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति पॉजिटिव बनी हुई हैं. वैश्विक कंपनी मूडीज रेटिंग्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि इंडियन इकोनॉमी शानदार ग्रोथ के साथ ‘स्वीट स्पॉट’ में है. इसके साथ ही एजेंसी ने जीडीपी (GDP) ग्रोथ में तेजी का अनुमान जाहिर किया है।
7.2% की रफ्तार से आगे बढ़ेगी इकोनॉमी
मूडीज रेटिंग्स ने शुक्रवार को अपनी आउटलुक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर स्थिति में होने पर अपनी मुहर लगाई है. ग्लोबल एजेंसी ने कैलेंडर ईयर 2024 में भारत के लिए 7.2 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) का अनुमान लगाया है, जो इस बात को साफ करता है कि देश एक बेहतर आर्थिक स्थिति में है. हालांकि, Moody’s ने आगाह जरूर किया है कि महंगाई के जोखिम के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपेक्षाकृत सख्त मॉनेटरी पॉलिसी बनाए रख सकता है।
इकोनॉमी की ग्रोथ रहेगी जारी
अपनी रिपोर्ट में मूडीज रेटिंग्स ने कहा है कि मजबूत ग्रोथ के साथ भारत एक बेहतर पोजीशन में है. 2024 में 7.2 फीसदी की ग्रोथ रेट के अनुमान के साथ ही रेटिंग एजेंसी ने Indian Economy के 2025 में 6.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ने का अनुमान जाहिर किया है, जबकि 2026 के लिए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.5 फीसदी रहेगी. मूडीज ने इकोनॉमी के बेहतर स्थिति में बने रहे के पीछे कई कारणों का जिक्र भी अपनी रिपोर्ट में किया है।
Moody’s की मानें तो मजबूत आर्थिक बुनियादी बातें इंडियन इकोनॉमी के बेहतर स्थिति में होने का संकेत दे रहे हैं. इमें अच्छी कॉरपोरेट और बैंक बैलेंस शीट और पर्याप्त फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserve) भी भारत के ग्रोथ आउटलुक का समर्थन करते हैं. इसके साथ ही डॉमेस्टिक डिमांड में बढ़ोतरी की भी संभावना है. जो कि त्योहारी सीजन के दौरान खर्च में वृद्धि और बेहतर कृषि के कारण रूरल डिमांड में निरंतर ग्रोथ की वजह से है. अपनी रिपोर्ट में विदेशी एजेंसी ने साफ कहा है कि Indian Economy मजबूती से आगे बढ़ रही है और इसमें उच्च विकास दर को बनाए रखने की क्षमता है।
महंगाई बढ़ने का खास असर नहीं
खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में हाल ही में हुई बढ़ोतरी के बावजूद, मूडीज को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह आरबीआई के तय दायरे के अनुरूप नजर आएगी. इसकी वजह है कि अधिक बुवाई और पर्याप्त फूड रिजर्व के कारण खाद्य कीमतें स्थिर हो जाएंगी. गौरतलब है कि खाने-पीने की चीजों, खासतौर पर सब्जियों की कीमतों में तेज इजाफे के कारण खुदरा महंगाई अक्टूबर के लिए 6.21 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है और ये इसका 14 महीने के हाई लेवल है।