अब भाजपा सरकार ने इस अधिनियम में बदलाव कर फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली को बहाल करने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ है कि अब महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि इस निर्णय को पिछली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई थी, जिसके पश्चात अधिनियम में संशोधन की अधिसूचना आधिकारिक रूप से जारी की गई है।
अधिसूचना जारी होने के बाद कांग्रेसी मेयर सदमे में हैं क्योंकि सत्ता के दम पर बिना जनता के मत के उन्हें मेयर चुना गया था लेकिन अब जनता अपना महापौर चुनेगी इस कारण कांग्रेसी मेयरों की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि उन्हें अच्छे से मालूम है कि चुनाव हुआ तो जीत पाना संभव नहीं है और वे जनता की पसंद भी नहीं है।