Home जयपुर   जीवन में परिवर्तन सही दिशा में करना चाहिए -मुनि प्रणम्य सागर

जीवन में परिवर्तन सही दिशा में करना चाहिए -मुनि प्रणम्य सागर

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  • मुनि संघ का गुरुवार को सूर्य नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ भव्य मंगल प्रवेश
  • आज से मीरामार्ग के आदिनाथ भवन पर होगा पारस पुराण का वाचन – जयपुर में पहली बार 5616 जिनबिम्बों की आराधना एक स्थान पर – 13 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक नन्दीश्वर महामण्ड़ल विधान का होगा आयोजन

जयपुर। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ का गुरुवार 10 अक्टूबर को प्रातः 7.00 बजे तारों की कूट पर सूर्य नगर स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। इससे पूर्व सिद्धार्थ नगर के श्री दिगम्बर जैन मंदिर महावीर स्वामी खण्डाकान् से मंगल विहार कर तारों की कूट पेट्रोल पंप पर पहुचे जहाँ से बैण्ड बाजों के साथ शोभायात्रा के रुप में सूर्य नगर के दिगम्बर जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। इस मौके पर विनोद जैन कोटखावदा, पारस कासलीवाल, अमित काला, सुधीर लोंग्या एवं सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मुनि श्री के पाद पक्षालन एवं मंगल आरती कर भव्य अगवानी की ।
मंदिर दर्शन के बाद मुनि श्री के सानिध्य में धर्म सभा का आयोजन किया गया।
इस मौके पर महिला मण्डल की सदस्याओं द्वारा ” गुरु भक्ति में मन को लगा के, आये गुरुवर मेरे द्वार, मेरा रोम रोम हर्षाया है…..” मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया।
काला परिवार एवं दिल्ली, चैन्नई, कोटा, गुवाहाटी के श्रद्धालुओं द्वारा पाद पक्षालन किया गया। विनोद जैन कोटखावदा, पारस कासलीवाल, सुधीर लोंग्या, मंदिर समिति के अध्यक्ष नवीन जैन, मंत्री धनेश सेठी एवं समिति सदस्यों द्वारा मुनि श्री को शास्त्र भेट किया गया।
इससे पूर्व गायक एवं संगीतकार नरेन्द्र जैन के निर्देशन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज एवं मुनि प्रणम्य सागर महाराज की अष्ट द्रव्य से पूजा की गई।
इस मौके पर आयोजित धर्म सभा में मुनि श्री ने प्रवचन देते हुए कहा कि जो व्यक्ति परिवर्तन को सही दिशा और दशा में स्वीकार करता है, वह कभी भी दु:खी नहीं हो सकता।
जीवन में परिवर्तन सही दिशा की ओर करना चाहिए और इस सही परिवर्तन को मानव को स्वीकार करना चाहिए।
मनुष्य को समीचीन दिशा की ओर बढना चाहिए। त्रिकाल और त्रिलोक में सम्यक्तव से बढकर कुछ भी नहीं है।
सम्यक्तव से मिथ्यात्व की ओर परिवर्तन स्वीकार नहीं करना चाहिए। मुनि श्री ने कहा कि सच्चा जैन वहीं है जो पहले भजन करे फिर भोजन करे।
इस मौके पर श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन समिति मीरा मार्ग के अध्यक्ष सुशील पहाड़िया,तेज करण चौधरी, मनोज जैन, जम्बू सोगानी, अरुण श्रीमाल आदि एवं चित्रकूट कालोनी सांगानेर की प्रबंध कारिणी कमेटी के अध्यक्ष केवल चन्द गंगवाल, मंत्री अनिल पाटनी, ओम कटारिया आदि ने श्रीफल भेट कर कालोनी में पधारने हेतु निवेदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंच संचालन मनोज जैन एवं विनोद जैन कोटखावदा ने किया। तत्पश्चात मुनि संघ की आहारचर्या हुई। सामायिक के बाद दोपहर 3 बजे धर्म की कक्षा एवं स्वाध्याय किया गया ।
सायंकाल 5 बजे मुनिसंघ सूर्य नगर से मंगल विहार कर ऋषभ मार्ग पर कोटखावदा हाऊस पहुचा जहा पर मैना देवी कासलीवाल, मुन्ना जैन, विनोद जैन कोटखावदा, दीपिका जैन कोटखावदा के नेतृत्व में मुनि प्रणम्य सागर महाराज के पाद पक्षालन एवं मंगल आरती कर अगवानी की गई। तत्पश्चात मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ बी टू बाई पास होते हुए मानसरोवर के मीरामार्ग स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुचे।
जहां श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन समिति मीरा मार्ग के अध्यक्ष सुशील पहाड़िया के नेतृत्व में मुनि संघ की भव्य अगवानी की गई ।
अध्यक्ष सुशील पहाड़िया एवं मंत्री राजेन्द्र सेठी ने बताया कि शुक्रवार, 11 अक्टूबर को मुनि श्री प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में पारस पुराण का वाचन मीरामार्ग के श्री आदिनाथ भवन में ही प्रातः 8:15 बजे से होगा।
जयपुर में पहली बार होगी 5616 जिनबिम्बों की एक साथ आराधना नन्दीश्वर महामण्ड़ल विधान 13 अक्टूबर से
प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक मुनिश्री के सानिध्य में जयपुर में पहली बार 13 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक मानसरोवर के सैक्टर 9 स्थित सामुदायिक केंद्र पर महामय नंदीश्वर पूजा विधान का विशाल आयोजन होगा, जिसमें पहलीबार जयपुर में 5616 जिनबिम्बों की एक साथ एक स्थान पर आराधना की जाएगी। आयोजन में जयपुर सहित पूरे देश से सैकड़ो से श्रद्धालु शामिल होंगे।