- मुनिश्री को अशोक नगर पंचायत कमेटी ने किये श्री फल भेंट
- सागर सम्मेलन में जिले से जायेंगे प्रमुख प्रतिनिधि –विजय धुर्रा
अशोक नगर। मद छोड़ कर व्यक्ति कर्तव्य करता है तो सम्मान मिलता है जव आप शहर से बाहर निकले हैं तो कुछ ना कुछ साथ लेकर ही घर लौटते हैं यदि कुछ ना ले जायें तो जाने की कोशिश तो करते ही हैं ऐसे ही धर्म सभा में आये तो जीवन को अच्छा बनाने के लिए अपने साथ कुछ ना कुछ अवश्य लेकर जाये उक्त आश्य केउद्गार संत निवास में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज ने व्यक्त किए।
मुनि संघ को श्री फल भेंट कर किया आग्रह
इसके पहले अशोक नगर जैन समाज अध्यक्ष राकेश कासंल महामंत्री राकेश अमरोद मंत्री विजय धुर्रा संयोजक उमेश सिघई थूवोनजी कमेटी अध्यक्ष अशोक जैन टींगू मिल महामंत्री विपिन सिंघई गोशाला कमेटी के कोषाध्यक्ष निर्मल मिर्ची सहित अन्य भक्तों ने मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज मुनिश्री निश्चल सागर जी महाराज मुनिश्री निरापद सागर जी महाराज ससंघ को श्री फल भेंट कर चातुर्मास उपरांत अशोक नगर की ओर विहार करने का आग्रह किया इस दौरान कमेटी अध्यक्ष राकेश कासंल ने कहा कि हम सब के भाग्य से जिले को गौरवान्वित करने वाले दो दो संत एक साथ विराजमान हैं और हम सब त्रिकाल चौबीस की वर्षगांठ आपके सानिध्य में मनाने का निवेदन लेकर आये है।
बारह अक्टूबर को सभी संगठनों का प्रतिनिधित्व हो
इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश जैन समाज का पहला खुला अधिवेशन सागर में परम पूज्य आध्यात्मिक संत निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज के सान्निध्य में बारह अक्टूबर को होने जा रहा है जिसमें मुंगावली जैन पंचायत कमेटी के साथ ही सभी अनुशासित संगठनो के प्रतिनिधियों से भी में निवेदन करुंगा कि वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए जिला का प्रतिनिधित्व करेंगे इस दौरान मुंगावली जैन समाज अध्यक्ष चन्द्र कुमार मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश जैन समाज के सम्मेलन में सभी संगठनों के प्रति निधि पहुंच रहे हैं और पूरे जिले में सम्मेलन को लेकर उत्साह है इस दौरान मुनि श्री ने कहा कि परदेश जाकर व्यापारी सब कुछ खर्च करके भी यदि कुछ लेकर नहीं आये तो सफल व्यापारी नहीं माना जाता सफल वही व्यक्ति माना जाता है तो कुछ ना कुछ साथ लेकर अपनी सम्पत्ति में वृद्धि करता है।
संसार की बातें करने में जीवन भी वीत जाये तो भी कुछ हासिल नहीं होगा
इस दौरान मुनि श्री निश्चल सागर जी महाराज ने कहा कि संसार की बात करते करते जीवन वीत जाये तो भी खत्म हो ने वाली नहीं है जैसे केले के तने को छीलते जाये छीलते जाये कुछ भी निकलने वाला नहीं है हम समझ रहे थे कि छिलके के अंदर तना है लेकिन हाथ कुछ भी नहीं आया ऐसे ही संसार में कुछ भी कर लेना हाथ में कुछ भी आने वाला नहीं है कितना ही धन वैभव जोड़ लेना सब का सब यही रखा रह जायेगा हम अपना समय छिलके उतारने में ना गंवाये ऐसा कुछ करें कि लोग हमें याद करें और यदि आप ऐसा करने में सफल रहे।