डोंगरगढ़। अब तक आपने देखा सुना होगा कि जो लोग साहित्य या पत्रिका कड़ी मेहनत से बहुत सारे शब्दों को एक माला रूपी किताबो में समेट कर नेता ,अभिनेता से विमोचन कराते है फिर पब्लिक को समर्पित करते है लेकिन यहां पर आपको कुछ अलग पड़ने को मिल रहा है कि कड़ी मेहनत कर पुस्तक “निर्मला की कलम से”का प्रकाशन किया गया वह भी एक कुशल गृहणी,कुशल लेखिका जिनके द्वारा लिखा लेख अक्सर अराषटीय अंतरराष्ट्रीय पत्रिका पर भी प्रकाशन होते रहा है हम बात कर रहे लेखिका श्रीमती निर्मला सिन्हा जी का जो कि डोंगरगढ़ विकासखंड ग्राम जामरी की निवासी है उनके द्वारा लिखा हुआ पत्रिका निर्मला की कलम से पत्रिका का विमोचन अपने परिवार के वरिष्ठ व कनिस्ट सदस्यो के से कराई लेखिका निर्णला सिन्हा ने प्रेस से चर्चा करते हुए बताया पत्रिका प्रकाशन के इस खुशी के माहौल में सबको खुश देख बहुत ही खुशी हुई और पुस्तक की समीक्षा महान साहित्यकारों द्वारा की गई मानवाधिकार संरक्षण झारखंड से भागवत प्रसाद जी ने अपने बहुत सुंदर शब्दों से की है।
अपना अनमोल समय निकाल हमारी पुस्तक को पढ़ा आपने व बहुत ही सुन्दर शब्दों से समीक्षा भी की बहुत बहुत आभारी हैं।
।।पुस्तक समीक्षा ।।
निर्मला की कलम से निकली शब्द सुमन की सुरभि साहित्य जगत को सुवासित करने को काफी है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि पुरुषो के अपेक्षा स्त्रियों में कल्पना शक्ति अधिक होती है, जिसका परिचय आपकी कविताए दे रही है, उन्मुक्त पंछी बन साहित्यकाश में कोकिला सी पंचम राग में तेरी स्वर लहरी गुंजित हो और हिंदी साहित्य प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करें बाशिष्ठ की यही कामना है।कविता हृदय से निकलने वाली स्वत धारा है, जो विभिन्न रसो की हो सकती है, इसमें ज़ब सुंदर लय, तान हो तो पाठक मंत्र मुग्ध हो जाते है, काव्य सृजन में आपकी अच्छी कौशिश है, निखार आएगा भागवत प्रसाद बशिष्ठ प्रदेश अध्यक्षसर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण झारखण्ड।
“निर्मला की कलम से”
लेखिका निर्मला ने आगे बताया श्री जय सिंह फौजदार सर जी आपने जो अपना अमोल समय निकाल अपनी हृदयता से हमारी पुस्तक ” निर्मला की कलम से ” की समीक्षा की है। वाकई तारीफें काबील है। गहनता से हमारी पुस्तक पढ़ने के लिए आपका हृदय से आभार व्यक्त की।
।। शुभकामना सन्देश ।।
निर्मला की कलम से नामित पुस्तक निर्मला (निशा) जी की अनुपम कृति है, बहुत ही सुंदर और आसान भाषा शैली है, जिसको पढ़ने के बाद में उनकी कलम का कायल हो चुका हूं, क्योंकि में अक्सर कहानियों और उपन्यास को ज्यादा महत्व देता हूं मेरी रुचि उनको पढ़ने की ज्यादा रहती परंतु इनकी पुस्तक पढ़ने के बाद मेरा नजरिया बदल गया है
कुछ रचनाएं जो मुझे बेहद पसंद आईं हैं उनमें राहगीर, अजनबी जिंदगी, तुमसे मोहब्बत क्या हुई, हम भी किताब लिखेंगे, तुम आए नहीं, गांव मेरा जिसको पढ़के एक पल के लिए में उसी परिवेश मेरे गांव में पहुंच चुका था,
पुस्तक की सफलता की काम के साथ साथ लेखिका जी को मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं एवम बधाई श्री बांके बिहारी जी की असीम कृपा आप पर बनी रहे।
जय सिंह फौजदार वरिष्ठ शाखा प्रबंधक श्री गोविंदम फाइनेंस प्रा लि भीलवाड़ाइसी बीच नवरात्री में हमारी घर की बड़ी बेटी राजकुमारी सिन्हा जो कि मेरी बड़ी ननद है, इनके साथ आदरणीया धनेशवरी मंडावी जी जो कि गांव कल्लू बंजारी के मां बम्लेश्वरी जनहितकारी समिति छुरिया मां बमलेश्वरी महिला महिला प्रोड्यूसर कंपनी डायरेक्टर के पद में कार्यरत हैं।इन्हीं दोनों मातृशक्ति,व महिला शक्ति के हाथों हमारे पुस्तक “निर्मला की कलम से”का बहुत ही सुन्दर विमोचन किया गया। इस अवसर श्री गंगा प्रसाद सिन्हा जी ससुर, ननद श्रीमति राजकुमारी सिन्हा नंनद,बहनोई मनोज सिन्हा,धनेशवरी ,पति – टिकेंद्र सिन्हा बेटा-सौरभ कुमार सिन्हा बेटी- कुमारी वैष्णवी सिन्हा के अलावा अन्य परिवारिक सदस्य व सहयोगियों की उपस्थिति रही।