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नवरात्री में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत,जानें कैसे पाएं मां दुर्गा का आशीर्वाद

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Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है, और 13 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा श्रद्धा और भक्तिभाव से की जाती है। इस दौरान अखंड ज्योति प्रज्वलित करना विशेष महत्व रखता है। बिना अखंड ज्योति के नवरात्रि पूजा को अधूरा माना जाता है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियम, इसका महत्व, और इससे मिलने वाले लाभ।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से जीवन में व्याप्त अंधकार दूर होता है। इसे जीवन की कठिनाइयों को समाप्त करने का प्रतीक माना गया है। अगर आप इस नवरात्रि में घर पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, तो अखंड ज्योति अवश्य जलाएं। ध्यान रखें, यह दीपक पूरे नौ दिनों तक जलते रहना चाहिए। इसके बीच में बुझ जाने से अशुभ संकेत माना जाता है।
अखंड ज्योति जलाने के खास नियमों के अनुसार, कलश स्थापना के बाद दीपक को घी, सरसों या तिल के तेल में जलाना चाहिए। घी का दीपक मां दुर्गा की प्रतिमा के दाहिनी ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए। दीपक की ज्योति पूर्व, उत्तर या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
पूरे नौ दिनों तक इस दीपक में घी और तेल की पर्याप्त मात्रा डालते रहें। अगर दीपक बुझ जाए, तो मां से माफी मांगकर इसे पुनः प्रज्वलित करें। पूजा के अंत में भी दीपक को फूंक मारकर न बुझाएं, बल्कि उसे स्वाभाविक रूप से बुझने दें।
अखंड ज्योति जलाने से घर में सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा, और खुशहाली आती है। माता दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा आपके परिवार पर बना रहता है।
शारदीय नवरात्रि 2024 पर मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए इन नियमों का पालन करें और अपने जीवन में उजाले और खुशहाली का स्वागत करें।