रायपुर। कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा कांड पर सियासी आग ऐसे लग चुकी है कि ये धीरे-धीरे और फैलती ही जा रही है. कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया और बयानों और आरोपों के साथ सरकार के खिलाफ सीधे सड़क पर उतर आई है. जिस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आज सड़क पर आंदोलनरत है यह तय है कि यह मुद्दा आगामी दक्षिण उपचुनाव, निकाय और पंचायत चुनाव में भी उठेगा और सड़क और चुनावी शोर के बाद सड़क की लड़ाई सदन तक पहुँचेगी. क्योंकि कांग्रेस की रणनीति आगामी दिनों में और आक्रमक रहेगी. तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों से चर्चा में यह ऐलान कर दिया कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. हिंसा प्रभावित हर व्यक्ति के न्याय तक लड़ते रहेंगे. कलेक्टर और एसपी को हटाने से काम नहीं चलेगा. एसपी को पुलिस मुख्यालय भेजने से काम नहीं चलेगा, उन्हें जेल भेजना चाहिए।
भूपेश बघेल ने शासन-प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि गृहमंत्री के क्षेत्र में कानून का हाल ऐसा है तो फिर भरोसा जनता किस पर करेगी. एक ही घटना में तीन-तीन हत्या हो जाना और फिर उसमें लीपापोती करने की कोशिश करना यह बताता है कि सिस्टम चल किस तरह है।
कांग्रेस इस मामले में सरकार पर दबाव नहीं बनाती तो मामला दबा दिया जाता. मैं तो लोहारीडीह होके आया हूँ, खौफ का मंजर है. प्रशांत साहू की जिस तरह पुलिस पिटाई में हत्या हुई है वह दर्दनाक है. उनके परिवार वाले मीडिया के सामने नहीं आते कई बातें छिपी रह जाती. अभी तो यह भी जानकारी आई है कि कई और लोग हैं जो पुलिस पिटाई से गम्भीर रूप से घायल हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायलों ने हमने मिलने की कोशिश की लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है. पता चला है कि अंबडेकर अस्पताल में 7 लोगों को गोपनीय तरीके से भर्ती कराया गया, जिनका इलाज चल रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री को बिरनपुर याद है- विजय शर्मा
वहीं भूपेश बघेल के आरोपों पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिरनपुर याद है. उन्हें नहीं भूलना चाहिए कांग्रेस की सरकार में किस तरह से साम्प्रदायिक हिंसा फैला था ? किस तरह से भुनेश्वर साहू नामक युवा की हत्या कर दी गई थी. तब एक भी मंत्री गाँव पहुँचने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे।