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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल सकता है,छत्तीसगढ़ में गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल सकता है। अब जाते-जाते मौसम फिर से एक बार दम दिखाने जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मानसून का अंतिम सप्ताह में भी अच्छी वर्षा के आसार दिखाई दे रहे हैं। शनिवार से मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में गरज-चमक के साथ वज्रपात और हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना है।
23 सितंबर से छत्तीसगढ़ में वर्षा की तीव्रता में वृद्धि होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
राजस्थान के कुछ भाग से दक्षिण पश्चिम मानसून के बिदाई के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने की संभावना भी बन रही है। रायपुर में 21 सितंबर को आकाश आंशिक मेघमय रहने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 डिग्री और 26 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
शुक्रवार को नहीं हुई बारिश
शुक्रवार को प्रदेश में मानसून की सक्रियता सामान्य से कम रही। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई।
प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री जशपुर में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.0 डिग्री अंबिकापुर में दर्ज किया गया।
द्रोणिका और चक्रवात के असर से होगी वर्षा
मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, शिवपुरी, सीधी, जमशेदपुर, दीघा और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम-मध्य बंगाल के खाड़ी और उससे लगे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
दूसरा ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण उत्तर अंडमान सागर और उसके आसपास 21 सितंबर को बनने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ने के बाद, इसके प्रभाव से एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 23 सितंबर को बनने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में अब होगी बोनस बारिश
प्रदेश में कई जगहों पर अतिरिक्त बारिश हुई है, तो वहीं कुछ जिलों में कम बारिश हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि अब कुछ ही दिनों में मानसून प्रदेश से रवाना होने वाला है. उससे पहले बचे हुए कुछ दिनों में जो बारिश होगी तो अतिरिक्त बारिश होगी. मालूम हो कि बस्तर संभाग के कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है.