खरीफ 2024 में चावल और मक्का का उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद
नई दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की सलाहकार रुचिका गुप्ता की अध्यक्षता में कल कृषि भवन, नई दिल्ली में इस माह के प्रारंभिक सप्ताह में आयोजित हितधारक परामर्श पहल के अंतर्गत हितधारक परामर्श का दूसरा दौर आयोजित किया। इस चर्चा में विशेष रूप से खरीफ 2024 सीजन के लिए पहले अग्रिम अनुमान जारी होने से पहले कपास और गन्ने के साथ-साथ अनाज और तिलहन के उत्पादन परिदृश्य पर ध्यान दिया गया। यह अक्टूबर 2024 के लिए निर्धारित हैं। इस चर्चा में क्रिसिल रिसर्च, एग्रीवॉच, इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन, इंडियन ऑयलसीड एंड प्रोड्यूस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन, आईसीएआर-भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, भारतीय कपास निगम, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, गेहूं, गन्ना, चावल, तिलहन और कपास के फसल विकास निदेशालय और उपभोक्ता मामले विभाग सहित प्रमुख हितधारक सक्रिय रूप से उपस्थित थे।
इस परामर्श का प्राथमिक उद्देश्य खरीफ वर्ष 2024 सीजन के लिए फसलों के वर्तमान उत्पादन परिदृश्य के बारे में हितधारकों से महत्वपूर्ण जानकारी और प्रारंभिक आकलन एकत्रित करना था। ये योगदान इन कृषि फसलों के पहले अग्रिम अनुमान तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बैठक के दौरान, प्रतिभागियों ने फसल की स्थिति के आकलन और अनुमान लगाने की पद्धतियों सहित कई अहम मुद्दों पर बहुमूल्य विशेषज्ञता से जुड़े विचार साझा किए। हितधारकों द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जमीनी स्तर की रिपोर्टों के अनुसार, आगामी सीजन के लिए चावल और मक्का का उत्पादन आशाजनक रहने की उम्मीद है। हालांकि, फसल विविधीकरण के कारण इस सीजन में कपास का रकबा कम रहने की उम्मीद है।
परामर्श के समापन के साथ सभी हितधारकों ने सर्वसम्मति से मंत्रालय और उद्योग विशेषज्ञों के बीच निरंतर सहयोग और लगातार सूचना साझा करने के महत्व पर बल दिया। यह पहल फसल उत्पादन पूर्वानुमान में अधिक सटीकता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है।