खाद और 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण
प्रदेश में 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण
अब तक 1094.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
रायपुर। कृषि विभाग के प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में लगभग ं 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुका है। इसके साथ ही राज्य के किसानों को अब तक 13.63 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है जो लक्ष्य के विरूद्ध लगभग शत-प्रतिशत है। इसी प्रकार किसानों को 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 91 प्रतिशत है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की काफी अच्छी स्थिति है। राज्य में अब तक 48.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र याने 99 प्रतिशत क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों को लक्ष्य का लगभग शत-प्रतिशत रासायनिक खाद वितरित
प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 17 सितम्बर 2024 की स्थिति में किसानों को लगभग 13.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 96 प्रतिशत है। वितरित किए गए उर्वरकों में 6 लाख 81 हजार 374 मीट्रिक टन यूरिया, 2 लाख 83 हजार 444 मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख 73 हजार 352 मीट्रिक टन एनपीके, 55 हजार 836 मीट्रिक टन पोटाश तथा 2 लाख 8 हजार 172 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण शामिल है।
चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यमों से किसानों को 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अब तक 16.08 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध लगभग 13.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों को सुगमता पूर्वक खाद का वितरण सोसायटी और निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। किसानों को किसी प्रकार से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खाद-बीज वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
किसानों को 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित
प्रदेश के किसानों को चालू खरीफ सीजन में विभिन्न फसलों की बोनी के लिए सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से सुगमता के साथ प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों के 8 लाख 92 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण किए गए हैं, जो कि राज्य में बीज की मांग का 91 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि राज्य में खरीफ की विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की कुल मांग 9 लाख 78 हजार क्विंटल है, इसके विरूद्ध 9 लाख 31 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज भण्डारण किया जा चुका है। किसानों को अब तक 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया है, जो मांग का 91 प्रतिशत है।
राज्य में लक्ष्य का 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण
चालू खरीफ सीजन में अब तक लक्ष्य का 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुका है, जबकि इस सीजन में राज्य सरकार द्वारा 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों के बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 48.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है।
राज्य में अब तक 1094.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 1094.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से 03 सितम्बर 2024 सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2282.0 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 570.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1236 मिलीमीटर है।
प्रदेश के किसानों को मिला 6606 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के अधिक से अधिक किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में किसानों को अब तक राज्य सहकारी बैंकों के द्वारा 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 6606 करोड़ रूपए का अल्पकालीन ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरण किया गया है। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा किसानों को 7300 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को उनके मांग और रकबे के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा है, जबकि पिछले वर्ष आज की स्थिति में 6 हजार 544 करोड़ रूपए के अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किए गए थे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेती-किसानी की प्रारंभिक जरूरतों को पूरा करने तथा खेती-किसानी में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना प्रारंभ किया गया हैं। इसके अलावा किसानों को साहूकारों के चंगुलों से बचाना इसका एक प्रमुख उद्देश्य था। वर्तमान समय में इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लाखों किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों को प्रारंभिक और खेती-किसानी की जरूरतों के लिए न सिर्फ राहत मिली है, बल्कि फसलों के उत्पाद में लगातार वृद्धि भी हो रही है।