Home झांसी “उत्तम मार्दव विनय प्रकासै, नाना भेद ज्ञान सब भासै”

“उत्तम मार्दव विनय प्रकासै, नाना भेद ज्ञान सब भासै”

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•” उत्तम मार्दव गुन मन माना,
मान करन को कौन ठिकाना”
• पर्वाधिराज पर्युषण दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन जैन मंदिरों में हुई उत्तम मार्दव धर्म की पूजा….
• श्रावकों ने लिया मान कषाय को दूर करने का संकल्प

झांसी। पर्वाधिराज पर्युषण दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन जैन मंदिरों में हुई उत्तम मार्दव धर्म की पूजा आराधना की गई। मेडिकल क्षेत्र की पहाड़ी स्थित श्री दिगम्बर जैन चंद्रोदय तीर्थ के समवसरण मंदिर में चतुर्दिक विराजमान अष्टम तीर्थंकर देवाधिदेव श्री चंद्रप्रभु भगवान का महामस्तकाभिषेक, गौरव जैन जैनम्, सार्थक जैन, अंकित सर्राफ, अंशुल जैन बघेरा, सजल जैन चैनू, बॉबी जैन ने किया। विश्वशांति की मंगलकामना के साथ सौरभ जैन सर्वज्ञ ने विधिविधान पूर्वक मंगलाष्टक पाठ, अभिषेक पाठ, शांतिधारा, देव-शास्त्र-गुरु पूजन, दसलक्षण पूजन संपन्न कराई। श्रीमति निकिता जैन चैनू, नेहा जैन को श्रीजी की आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर सौरभ जैन सर्वज्ञ ने “उत्तम मार्दव” धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि जिस प्रकार अंक के अभाव में शून्य का कोई महत्व नहीं होता उसी तरह मृदुता के अभाव में किसी धार्मिक क्रिया का कोई महत्व नहीं हैं। अपने मुख से अपनी प्रशंसा करना ये अहंकार की घोषणा एवं दूसरे के मुख से अपनी प्रशंसा सुनना ये अहंकार की पुष्टि है। मार्दव धर्म को स्वीकारें, यह मार्दव धर्म पापों का नाश करने वाला, भावों को निर्मल बनाने वाला, बैर को नाश करने वाला है। बुद्धि का संरक्षक हैं। अपना उत्थान के लिए हर व्यक्ति को अभिमान का त्याग करना चाहिए।
इधर गांधी रोड स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में श्री पार्श्वनाथ भगवान की अतिप्राचीन मूंगावर्णी जिनप्रतिमा का अभिषेक, शांतिधारा करने का सौभाग्य वरिष्ठ समाजसेवी जिनेन्द्र सर्राफ, अखिल भारतीय विनिश्चय ग्रुप के अध्यक्ष राजीव जैन सिर्स, पंचायत कनिष्ठ उपाध्यक्ष वरुण जैन, मनोनीत सदस्य गौरव जैन नीम, सचिन सर्राफ, नरेश जैन नीटू, अमन जैन विरागप्रिय, दीपांक सिंघई, नमन जैन, विपिन अछरौनी को प्राप्त हुआ।
………………..इनसेट में……………
• 10 सितम्बर को होगी उत्तम आर्जव धर्म की आराधना
सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल सप्तमी तिथि अनुसार पर्वाधिराज पर्युषण दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन सोमवार 10 सितम्बर को “उत्तम आर्जव धर्म” की भक्ति आराधना की जाएगी।