रायपुर। एम्स रायपुर के बायोकैमिस्ट्री विभाग ने एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज) के साथ मिलकर 27 अगस्त 2024 को एनएबीएल आईएसओ 15189:2022 पर फैकल्टी, रेजिडेंट्स, क्वालिटी मैनेजर्स और लैबोरेटरी टेक्निकल असिस्टेंट्स के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के निर्देशों के अनुसार, एनएबीएल एक्रेडिटेशन सभी एम्स के लिए एक प्राथमिकता है। इस संदर्भ में एम्स रायपुर में सभी लैब कर्मियों के लिए पहले ही 4-दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका है, और यह ओरिएंटेशन प्रोग्राम उसी प्रशिक्षण का अनुसरण है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त), कार्यकारी निदेशक और सीईओ एम्स रायपुर द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने उल्लेख किया कि एक्रेडिटेशन आज के समय की जरूरत है, और एम्स रायपुर की प्रयोगशालाएं वैश्विक मानकों के अनुसार मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रगति कर रही हैं।
बायोकैमिस्ट्री विभाग के एचओडी और एम्स रायपुर के लिए लैब एक्रेडिटेशन के नोडल अधिकारी प्रो (डॉ) एली मोहपात्रा ने आगे जोर दिया कि एनएबीएल एक्रेडिटेशन प्राप्त करने का मतलब होगा कि उत्पन्न मरीजों की रिपोर्ट वैश्विक गुणवत्ता मानकों की पुष्टि करती है। इस उद्देश्य के लिए, एम्स रायपुर के बायोकैमिस्ट्री विभाग ने विभाग के समन्वयक प्रो (डॉ) रचिता नंदा के तहत एनएबीएल प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कार्यक्रम के वक्ताओं में सुश्री श्वेता सिन्हा, डिप्टी डायरेक्टर एनएबीएल, और डॉ अभिषेक शर्मा, असिस्टेंट डायरेक्टर एनएबीएल शामिल थे। बायोकैमिस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोलॉजी विभागों के प्रतिभागियों ने इस अकादमिक आयोजन के दौरान गहन विचार-विमर्श किया।