रायपुर। छत्तीसगढ़ में नामकरण की राजनीति नई नहीं बहुत पुरानी है. सरकार बदलने के साथ ही योजनाओं से लेकर चौक-चौराहों, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों के नामकरण को लेकर सियासत होती रही है. सरकारें किसी की भी रही हो नामकरण को लेकर सियासी बवाल मचते रहा है. जैसे कि अब की बार भाजपा सरकार में पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार के साथ देखने को मिल रहा है।
दरअसल भाजपा सरकार ने नवा रायपुर के चौक-चौराहों के नामकरण के लिए एक समिति का गठन किया है. समिति की ओर सुझाए गए नामों पर सरकार चौक-चौराहों का नामकरण करेगी. लेकिन इसे लेकर विपक्ष की ओर से सवाल खड़ा किया गया है कि पुरखों के नामों के साथ खिलवाड़ न किया जाए. भाजपा की सरकार नामकरण की राजनीति न करें।
इस मामले में आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पीकर हाउस में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम में साहित्यकारों, इतिहासकारों और संस्कृतिकर्मियों के बीच कहा कि भाजपा नाम बदलने पर नहीं, काम करने पर विश्वास करती है. सभी को पता है कि भारत की सबसे बड़ी सुनियोजित सिटी बनाने काम डॉ. रमन सिंह की सरकार शुरू हुआ था. अब राज्य में फिर से भाजपा की सरकार है तो नवा रायपुर के विकास को लेकर फिर से तेजी से काम शुरु हो गया है, जो कि पिछली सरकार में नहीं हो सका था।
विपक्ष को लग रहा है कि नवा रायपुर के नामकरण को लेकर हम राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हम राजनीति नहीं विकास करने पर विश्वास रखते हैं. पिछली सरकार में जिन चौक-चौराहों का नाम जो रखना था रखा गया होगा, उस पर मैं कुछ नहीं कहूँगा और न ही उसे लेकर हमारी आपत्ति है, जो नाम किए सो किए. लेकिन अब आगे काम हमारा है. नवा रायपुर में अभी बहुत काम बाकी है, और जो काम बाकी है उसे हमारी सरकार अवश्य पूरा करेगी।
हमारी सरकार लक्ष्य और विजन के साथ काम कर रही है. सरकार की कार्ययोजना में है कि छत्तीसगढ़ के अंदर नवा रायपुर की तरह ही 10 और व्यवस्थित शहर बनाएंगे. पुरखों मान बढाएंगे. छत्तीसगढ़ का गौरवशाली इतिहास बताएंगे. स्मृतियों को सहेंजेगे. धरोहरों को बचाएंगे. राजनीति नहीं करेंगे. विकास किया है, करते रहेंगे और आगे भी करके दिखाएंगे. और इसमें आप सबकी भागीदारी होगी. साहित्यकारों, इतिहासकारों, संस्कृतिकर्मियों, रंगकर्मियों, सबकी।