नई दिल्ली। RBI Governor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2024’ में लगातार दूसरी बार “ए+” रेटिंग मिलने पर बधाई दी। भारतीय रिजर्व बैंक के सोशल मीडिया हैंडल X पर की गई एक पोस्ट के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को लगातार दूसरी बार इस उपलब्धि के लिए बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह आरबीआई में उनकी लीडरशिप और देश की आर्थिक वृद्धि दर और स्थिरता बनाए रखने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य को प्रमाणित करता है।”
Congratulations to RBI Governor Shri @DasShaktikanta for this feat, and that too for the second time. This is a recognition of his leadership at the RBI and his work towards ensuring economic growth and stability. https://t.co/lzfogAQb15
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2024
इस आधार पर दी जाती है
ग्लोबल फाइनेंस मैगजीन द्वारा ‘सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड्स 2024’ में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को काम के आधार पर ग्रेड दी थी, जिसमें सबसे अच्छी ग्रेड “ए+”, “ए” और “ए-” हैं। इस रिपोर्ट को 1994 के बाद से हर साल जारी किया जाता है। इसमें करीब 100 देशों के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को काम के आधार पर ग्रेड दी जाती है। इसमें यूरोपियन यूनियन के अलावा पूर्वी कैरेबियाई सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ सेंट्रल अफ्रीकन स्टेट्स और सेंट्रल बैंक ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स शामिल हैं। इसमें ग्रेड महंगाई पर नियंत्रण, आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने, मुद्रा की स्थिरता और ब्याज दरों के मैनेजमेंट के आधार पर दी जाती है।
ग्लोबल फाइनेंस के संस्थापक और एडिटोरियल डायरेक्टर जोसेफ जियारापुटो ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को कम करने के लिए अपने प्राथमिक विकल्प अधिक ब्याज दरों को उपयोग किया है, अब पूरी दुनिया में महंगाई में कमी देखने को मिल रही है।
सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए
दास ने मंगलवार को कहा था कि बैंकों को क्रेडिट और डिपॉजिट में अंतर पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे लिक्विडिटी की समस्या पैदा हो सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि उन्होंने बैकों को इस स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है। उन्होंने आगे कहा कि बैंकों को युवा भारतीयों की बदलती हुई निवेश रणनीति को सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए। ब्याज दर घटाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरीके से महंगाई पर निर्भर करता है। फल और सब्जियों की कीमतों में जुलाई में आई कमी ब्याज दर घटाने के लिए काफी नहीं है।