पूज्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज जी के परम शिष्य विचित्र बाते प्रणेता मुनी श्री सर्वार्थ सागर जी महाराज जी ने कहा – युवाओं जीवन में जब भी विपत्ती आए, तो घबराना नहीं | भूल से भी पारस बाबा को भुलना नहीं | क्योंकी जब छाये थे संकट के बादल, तो उन्होने किसी को न बुलाया था | बस शांतीपूर्वक ध्यान किया | तो स्वयं देवोने आकर रक्षा का प्रण उठाया था | इसलिए विपत्ती में जो रोए वो पारस प्रभू का भक्त हो नहीं सकता | और जो विपत्ती में मुस्कुराए वो पारस प्रभू से कभी जुदा हो नहीं सकता |