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फौजियों के लिए छात्राओं ने बनाई राखी, कहा- सूनी नहीं रहेगी हमारे भाइयों की कलाई

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लोरमी। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे देश के फौजी भाइयों के लिए प्रदेश के सभी स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं और संगठनों की ओर से राखी, एक चिठ्ठी और अपने आंगन की एक चुटकी मिट्टी भेजी जा रही है, जिससे किसी भी फौजी भाई की कलाई सूनी न रहे. इसी तारतम्य में मुंगेली जिले के लोरमी स्थित गुरुद्वारा चौक में रक्षासूत्र संकलन कार्यक्रम रखा गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
बता दें कि देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैनात सिपाहियों के हाथों की कलाई सूनी ना रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में एक विशेष अभियान ‘सिपाही रक्षा सूत्र’ चलाया जा रहा है. अभियान के तहत 2023 में 6 लाख 71 हजार राखियां जवानों के लिए भेजी गई थी. वहीं इस वर्ष भी 19 अगस्त को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन पर्व के पहले ही जवानों के लिए अब तक 8 लाख से अधिक राखियां अनेक स्कूलों से संकलन कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, “तिरंगा सिपाही और मेरा देश” स्लोगन के तहत पूर्व सैनिक संगठन के सिपाही, पूर्व सैनिक महासभा एवं सभी राष्ट्रभक्त संगठनों का भारतीय सेना के लिए सम्मानपूर्ण व भावनात्मक अभियान के तहत स्कूली बच्चों सहित अनेक संगठनों की बहनों द्वारा राखी एकत्रित की जा रही है. इस कड़ी में लोरमी स्थित गुरुद्वारा चौक में रक्षासूत्र संकलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बहनों के अलावा स्कूली छात्रा सहित क्षेत्र के राष्ट्रभक्त उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मौजूद पूर्व सैनिक सिपाही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया कि यह अभियान देश के सैनिकों से जुड़ा हुआ है. बहनों के द्वारा बनाई गई राखियों को एकत्रित कर दिल्ली स्थित आर्मी हेड क्वार्टर भेजा जाएगा, जहां मुख्य रूप से भाई-बहन की मिशाल पेश करते हुए “एक चिट्ठी, मिट्टी और एक रक्षा सूत्र” यह तीनों को मिलकर ही सिपाही रक्षा सूत्र बनता है. इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने भी सभी स्कूलों को राखी एकत्रित करने का निर्देश भी जारी किया है।
इस अवसर पर मौजूद पूर्व सैनिक सिपाही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया कि यह अभियान देश के सैनिकों से जुड़ा हुआ है. बहनों के द्वारा बनाई गई राखियों को एकत्रित कर दिल्ली स्थित आर्मी हेड क्वार्टर भेजा जाएगा, जहां मुख्य रूप से भाई-बहन की मिशाल पेश करते हुए “एक चिट्ठी, मिट्टी और एक रक्षा सूत्र” यह तीनों को मिलकर ही सिपाही रक्षा सूत्र बनता है. इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने भी सभी स्कूलों को राखी एकत्रित करने का निर्देश भी जारी किया है।