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गुजराती जैन गोंडल संप्रदाय के परम पूज्य मुनि एवम महासती जी का आत्म जागृति चातुर्मास मंगल प्रवेश

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रायपुर। प्रभु श्री महावीर ने श्रीगौतम स्वामी के प्रश्नों के जवाब में 36 बार श्री गौतम स्वामी को कहा है “गोयामा समयम्म मा पमायए।” समय मात्र के लिए भी प्रमाद न करो। अर्थात आने वाले हर समय का अपनी आत्मा के हित के लिए सदुपयोग कर उसे अवसर में परिवर्तित कर दो। जो बीत गया सो रीत गया। मधुर व्याख्यानी आगम ज्ञाता पूज्य श्री सुधा बाई महासती जी आदि ठाणा का आत्म जागृति चातुर्मास के मंगल प्रवेश का शुभ अवसर रायपुर। गुरु की वाणी से भाव बदलेगा ,जब भाव बदलेगा तो जीवन भी बदलेगा, अतः सभी को चातुर्मास में प्रवचन,स्वाध्याय का नियमित लाभ लेना चाहिए । संतों के चातुर्मास का महत्व है और संतों का आगमन एवम उपदेश ज्ञान , दर्शन ,चरित्र विशुद्धि के साथ तप से कर्म की निर्जरा के महत्व भी रेखांकित करता है। यह विचार श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन गुजराती श्री संघ संरक्षक मंडल के अध्यक्ष नेमचंद बटाविया ने देसाई भवन उपाश्रय में आयोजित मंगल प्रवेश सभा में व्यक्त किये। गोंडल संप्रदाय के सरल स्वभावी पूज्य श्री चेतन मुनि जी म.सा., मधुर भाषी , सरल स्वभावी,बा.ब्र. ब्रह्मचारी पूज्य श्री प्रिय दर्शना जी म.स.जी, मधुर व्याख्यानी,आगम ज्ञाता परम पूज्य श्री सुधा बाई म.स. जी, मृदु भाषी बा.ब्र. पूज्यश्री भव्यांशी बाई म.स.जी, का चातुर्मास मंगल प्रवेश भावेश भाई मेहता के निवास,गुजराती कॉलोनी, पंडरी से श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन गुजराती संघ के उपाश्रय, देसाई भवन देवेंद्र नगर में चार्तुमास हेतु आज हुआ। विधि विधान से मंगल प्रवेश के बाद परम पूज्य सुधा बाई महासती जी ने अपने उद्बोधन में महाभारत की कथा का उल्लेख करते हुए कहा की समय के महत्व को समझे,आने वाले समय को पकड़ ले एवम उसे अवसर में परिवर्तित कर दें। श्री संघ ने 18 से 27 जुलाई तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजेसे संध्या 6 बजे तक 10 दिन में कुल120 घंटे का लगातार नवकार मंत्र जाप का आयोजन किया है।एवम 17 , 18 , 19 जुलाई को आयंबिल ,मौन , उपवास, एकासना, किसी भी तप के तेले से चातुर्मास का मंगल शुभारंभ कर धर्म ध्यान हेतु आह्वान किया है। इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष दीपक भाई दोशी, अश्विन भाई दोशी, चंद्रेश शाह ने संतो के स्वागत में अपने भाव व्यक्त किये। सुलसा बहु मंडल , चंदनबाला महिला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया तो ध्वनि बटाविया ने गीत एवम नृत्य अलग अलग प्रस्तुत किये। सुरभि बेन संघवी , नैना बेन दोशी ने भी स्वागत में अपने भाव व्यक्त किए। गरिमामय संचालन मुकेश भाई ढोलकिया ने किया। आज के साधार्मिक स्वामी वात्सल्य का लाभार्थी मातुश्री प्रभावती बेन गुलाब भाई खिलोसिया परिवार रहा। इस अवसर पर सरल मोदी , जितेंद्र दोशी , अल्पेश दोशी , महेश भाई मेहता , सचिव भावेश मेहता, महेश भाई खिलोसिया, राजकुमार शाह , कपिल दोशी ,शर्मिला मेहता,पूनम दोमडिया, नयना बेन दोशी,नलिनी बेन ढोलकिया,मेघा मोदी,बिजल बाटविया एवम श्री संघ के गणमान्य सदस्य उपस्थित थे ।