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पीएम मोदी की रूस यात्रा पर जेलेंस्की के तीखे बयान पर भारत ने जताई नाराजगी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया रूस दौरे के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की टिप्पणी पर सोमवार को भारत (India) ने अपनी नाराजगी जाहिर की। राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बताया जा रहा है कि जेलेंस्की की टिप्पणी पर भारत की नाराजगी के बारे में यूक्रेन के दूतावास को बताया गया है। सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली ने जेलेंस्की की टिप्पणी पर भारतीय पक्ष के बारे में कीव को अवगत करा दिया है। हालांकि, अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पिछले मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी की मॉस्को यात्रा को ‘बहुत निराशाजनक’ और शांति प्रयासों के लिए एक ‘झटका’ बताया था। एक्स पर एक पोस्ट में जेलेंस्की ने खासतौर पर यूक्रेन पर रूस के मिसाइल हमलों का जिक्र किया था, जिसमें उसी दिन कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला शामिल था। जेलेंस्की ने लिखा था, “रूस ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर मिसाइल से हमला किया, जिसमें युवा कैंसर रोगियों को निशाना बनाया गया। कई मलबे के नीचे दब गए। इससे बहुत निराशा हुई। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को एक ऐसे दिन पर मॉस्को में दुनिया के सबसे खूनी अपराधी को गले लगाते देखना शांति प्रयासों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।”

पीएम मोदी ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद 8 और 9 जुलाई को अपना पहला मॉस्को दौरा किया। पुतिन के साथ शिखर वार्ता में मोदी ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती। कीव में बच्चों के अस्पताल पर हुए हमले की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने पुतिन के सामने कहा था, अगर लोगों की जान जाती है तो मानवता में भरोसा करने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है। उस पर भी अगर बेगुनाह बच्चों की हत्या हो, निर्दोष बच्चें मरें तो दिल छलनी हो जाता है और बहुत पीड़ा होती है। मुझे कल आपके साथ इन मुद्दों पर बात करने का अवसर मिला।

रूस को निर्यात बढ़ाने के लिए नया कदम उठा सकता है भारत
भारत रूस के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए तरीके तलाश रहा है। इसके तहत रुपये-रूबल व्यापार को प्रोत्साहित करने के साथ रूस पर गैर-टैरिफ बाधाओं को उठाने के लिए दबाव डाला जा सकता है। 2022 की शुरुआत में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ गया है। हालांकि, यह वृद्धि एकतरफा रही है, जिसमें भारत ने केवल तेल खरीदने पर जोर दिया है।

एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि प्रतिबंध से प्रभावित रूस को निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। हमारा लक्ष्य 100 अरब डॉलर के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने का है।