भोपाल | संत शिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परस प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज ने मध्य -प्रदेश की राजधानी झिलो की नगरी भोपाल में बउत्कृष्ट केशलोच सम्पन्न किया। आपको बता दें मुनि श्री जी दीक्षा के बाद सदैव अपने गुरू विद्यासागर जी के साथ ही कैशलोंच करते थे। जो उत्कृष्ट रूप से दो माह का होता है। पूज्य श्री ने आचार्य भगवन का जो अन्तिम फेरालोच था उसी विधी अनुसार दो माह में अपने हाथों से सिद्धार्थ लेक सीरी से भोपाल मैं यह बेशलोच किया। यह भी ज्ञात हो कि एवं भीषण तपन के बाद भी मुनि श्री ने आसपास अपनी इस साधना को अक्षुण्ण बनाये रखा। पूष्यू श्री की धारणा हबीबगंज में निरूतराय इसी) धन्य है ऐसे कठीन तपश्चर्या के साधक। वालिनी वाल पूज्य मुनि श्री गुणायतेन प्रणेता मुनि श्री प्रमाणसागर जी के साथ साधनारत है।